नौगांव: आजकल हम दूसरों की संस्कृति को अपनाने का प्रयास कर रहे हैं। उस प्रयास में हम अपनी वास्तविकता को भी खोते जा रहे हैं। उसका प्रभाव यह हुआ कि हमारी अपनी संस्कृति और पहनावा ही खबर बनते जा रहा हैं। अच्छी बात भी है कि लोग अपनी मूल पहचान को फिर से पहचान देने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही नजारा उत्तरकाशी के नौगांव ब्लाॅक में भी नजर आया।
यहां ब्लाॅक प्रमुख सरोज पवांर ने योजनाओं को शिलान्यास किया। इस शिलान्यास और योजनाओं की खबरें भी छपी, लेकिन इसमें जो कुछ अलग था। वह था पारंपरिक और मूल पहनावे के साथ कार्यक्रम में शामिल महिलाएं। नौगांव ब्लाॅक प्रमुख भी पखटी गातर (पागड़ू) पहले नजर आईं। शिलन्यास के दौरान की फोटो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही हैं। इनको कई लोग फेसबुक और व्हाट्सएप पर शेयर कर रहे हैं।
अन्य महिलाएं नौगांव क्षेत्र में पहने जाने वाले घाघरा, कुर्ति और डांठू में नजर आईं। इन तस्वीरों को देखकर साफ है कि लोग अब भी अपने पहनावे के करीब हैं। लेकिन, चिंता इस बात की है कि हमें इसे केवल त्योहारी या फिर खास कार्यक्रमों तक ही सीमित नहीं रखना है। जिम्मेदारी को अक्सर महिलाओं पर ठेल दिया जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। पुरुषों को भी इसमें हिस्सेदारी निभानी चाहिए।