देहरादून : देहरादून की साहित्यिक बिरादरी द्वारा आज स्व. चर्चित कथाकार मन्नू भंडारी की याद में शेष फिर मन्नू भंडारी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मन्नू भण्डारी का कृत्तित्व और समकालीन महिला लेखन विषय पर आयोजित गोष्टी को सांस्कृतिक समागम, समय साक्ष्य, समता, पहल, वायलेंस अगेंस्ट वीमेन नेटवर्क व संवेदना द्वारा आयोजित किया गया।
इस अवसर पर गीता गैरोला, वरिष्ठ कथाकार कुसुम भट्ट, डॉक्टर नूतन गैरोला, सावित्री काला, डॉली डबराल, कृष्णा खुराना आदि ने अपने वक्तव्य दिए। कार्यक्रम का विषय प्रवेश करते हुए रानू बिष्ट ने कहा कि मन्नू के साहित्य का चिराग आने वाली पीढ़ियों को सचेत करता रहेगा।
मन्नू भंडारी के लेखन के विविध आयाम विषय में बोलते हुए बीना बेंजवाल ने कहा कि मन्नू भण्डारी ने साहित्य की सभी विधाओं मे लेखन किया है। वह नई कहानी आंदोलन का एक प्रमुख स्तंभ रही हैं। उन्होंने कहा कि मन्नू भंडारी जी के चरित्र समाज का सच्चा प्रतिबिम्ब हैं।
इस अवसर पर नाट्यकर्मी कुसुम पंत द्वारा मन्नू भंडारी की कहानी का पाठ भी किया गया। मन्नू भण्डारी के साहित्य के सामाजिक आयाम विषय पर चंद्रकला ने कहा कि मन्नू की कहानियों में समाज की तीन पीढ़ियों के द्वंद्व की बखूबी दर्षाया गया है।
उन्होंने कहा कि मन्नू भण्डारी की कहानियां स्त्री संघर्ष को जीवंत रूप से सामने लाती है और पितृसत्ता की परतें खोलती हैं। उन्होंने कहा कि मन्नू भंडारी की कहानियां पलायन के दर्द को भी उजागर करती हैं।
कांता घिल्डियाल ने कहा कि मन्नू भण्डारी ने अपने साहित्य में परिवारों में होने वाले विवादों से पैदा होने वाली स्थितियों का भी गहराई से चित्रण किया है।
दीपा कौशलम ने कहा कि मन्नू भंडारी ने महिलाओं की राजनीति में भागीदारी और उनके संघर्ष को भी चित्रित किया है। उन्होंने कहा कि मन्नू भण्डारी के लेखन में दलित चेतना भी कहानियों में दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि मन्नू भण्डारी ने राजनीति के चक्र दुश्चक्रों को भी बखूबी लिखा है।
मन्नू भंडारी के लेखन यात्रा पर उमा भट्ट ने कहा कि मन्नू भंडारी ने अपने लेखन में साहित्य की सभी विधाओं और जीवन के सभी छेत्रो को छूने का काम किया है।
इस अवसर पर कथाकार जितेन ठाकुर, राजेश सकलानी, विजय गौड़,मदन दुकलन, राजेश पाल, मोहन चौहान, सुनीता चौहान, डीएन तिवारी, उमा भट्ट, कांता घिल्डियाल, रमाकांत बेंजवाल, नंदकिशोर हटवाल, गजेंद्र बहुगुणा, भार्गव चंदोला, गणेश धामी, विनोद बगियाल, हृदयेश शाही, जयदीप सकलानी, त्रिलोचन भट्ट, सुरेश नेगी, संगीता जोशी उपस्थित थीं।
शेष फिर के बाद मन्नू भंडारी
1-मन्नू भंडारी व्यक्तित्व और उनका साहित्य योगदान।
(पूरी चर्चा इसी विषय प्रवेश पर केंद्रित करने का प्रयत्न रहेगा)
2-मन्नू भंडारी के साथ समकालीन महिला लेखन और साहत्यिकी दुनिया में उसकी उपस्तिथि।
वक्ता- डॉ. विद्या सिंह
3-मन्नू भंडारी के लेखन के विविध आयाम वक्ता – बीना बैंजवाल
कहानी वाचन-कुसुम पंत
4- “यही सच है”कहानी के साथ अन्य कहानियों के सामाजिक साहित्यिक आयाम: वक्ता-चंदकला
5- “आपका बंटी” उपन्यास की तात्कालिकता
वक्ता-कांता डंगवाल
6-“महाभोज ” उपन्यास पर केंद्रितसामाजिक, राजनैतिक विमर्श
वक्ता-दीपा कौशलम
7-आत्मकथा” एक कहानी यह भी”
मन्नू भंडारी के व्यक्तित्व के विभिन्न आयाम और महिला विमर्श
वक्ता-उमा भट्ट
धन्यवाद ज्ञापन-कमला पंत