उत्तराखंड में मौत के मामले : इन राज्यों में पहला नंबर, देश में टाॅप टेन…फिर सबकुछ ठीक-ठीका कैसे…?

  • एक्सक्लूसिव

देहरादून: कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तराखंड में हर दिन मौत का आंकड़ा बढ़त जा रहा है। रोजाना मौत के जो आंकड़े जारी किए जा रहे हैं। वो सरकारी आंकड़े हैं। श्मशान घाटों पर जो स्थिति है। वह यह बताने के लिए काफी है कि मौत के मामले काफी ज्यादा हैं। हालांकि सरकार का दावा है कि लोगों को बचाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। कोरोना के मामले दो दिन होने के पीछे की कहानी भी यह है कि सैंपलिंग कम कर दी गई थी। हालांकि इतनी जरूर राहत रही कि देरादून में पिछले तीन दिनों में मामले लगातार कम हुए हैं।

देश के टॉप 10 राज्यों में शामिल

कोरोना के मौत के मामले में उत्तराखंड देश के टॉप 10 राज्यों में शामिल हो गया है। हिमालयी राज्यों में इस मामले में पहले स्थान पर है। राज्य में प्रति एक लाख की आबादी पर कोरोना से 33 मौतें हुई हैं। उत्तराखंड में देश के 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 9वें नंबर पर है। सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन लगातार कोरोना के मामलों की समीक्षा कर रही है।

हिमालायी राज्य           मौतटॉप टेन राज्य                मौत
उत्तराखंड              33दिल्ली                116
हिमाचल              28गोवा                112
सिक्किम              28पुदुचेरी                 80
मणिपुर              18महाराष्ट्र                 67
त्रिपुरा             11चंडीगढ़

लद्दाख

                 52

51

मेघालय              8छत्तीसगढ़                  41
नागालैंड               7पंजाब                  80
अरुणाचल प्रदेश               4उत्तराखंड                  33
मिजोरम               2कर्नाटक                  33

10 दिन ऐसे हैं, जब 100 से लेकर 180 तक कोरोना से मौत

मौत के आंकड़ों को देखें तो पिछले 15 दिनों में 10 दिन ऐसे हैं, जब 100 से लेकर 180 तक कोरोना से मौत के मामले आए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मौत के आंकड़े छोटे राज्य और आबादी के हिसाब से कितने भयंकर हैं। पिछले 15 दिनों में मौत के मामलों में सबसे कम संख्या 71 रही है। बावजूद सरकार कह रही है कि सबकुछ ठीक है और लोगों को बचाने का प्रयास जारी है।

समय से इलाज मिल नहीं पा रहा

अगर लोग अपने स्तर से राज्य के नागरिक होने का फर्ज ना निभा रहे होते तो कई लोग अब तक सड़कों पर ही दम तोड़ चुके होते। हालांकि, यह भी सच है कि कई लोग बिना इलाज के ही दम तोड़ गए। यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा है कि लोग समय से इलाज कराने नहीं पहुंच रहे हैं। जबकि सही तथ्य यह है कि लोगों को समय से इलाज मिल नहीं पा रहा है।

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अनूप नौटियाल के मुताबिक

फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल के मुताबिक उत्तराखंड में कोविड से मौतें चिंता बढ़ा रही हैं। उनका कहना है कि यह हालात तब हैं, जब पूरा फोकस राज्य के उन मैदानी हिस्सों पर है, जहां संक्रमण सबसे ज्यादा है और उससे निपटने के लिए स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा भी पहले से मौजूद है। पर जिस तरह से पिछले एक हफ्ते में पर्वतीय जिलों में संक्रमण के मामले आ रहे हैं, तो इन आंकड़ों के आगे चिंता और बढ़ जाती है। मौत के मामलों को उन्होंने बेहद चिंताजनक  बताया है।

-प्रदीप रावत (रवांल्टा)

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posted on : May 12, 2021 4:39 pm
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