Corona Uttarakhand : बेकाबू होता कोरोना, सरकार का दावा सबकुछ ठीक…ये है हकीकत

देहरादून : उत्तराखंड में कोरोना खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। सरकार अब भी दावा कर रही है कि हालात काबू में हैं, लेकिन जो वास्तविक स्थिति है वो डरावनी है। वैसे तो हालात पूरे प्रदेश में ही बदतर हैं। मीडिया रिपोर्ट में कई तरह की खबरें सामने आ भी रही हैं, लेकिन राजधानी देहरादून का सबसे बुरा हाल है। राज्य में 27 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इनमें सबसे अधिक मामले देहरादून के हैं। इतना ही नहीं वर्तमान में राज्य में साढ़े 8 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं, जिनमें से करीब 2 हजार एक्टिव केस अकेले देहरादून में हैं। सरकार की व्यवस्थाएं चरमरा रही हैं। हालात काबू से बाहर होते जा रहे हैं, लेकिन सरकार हालात काबू में होने का दिखावा कर रही है।

 

कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने से अस्पतालों में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। देहरादून दून अस्पताल में सभी बेड पहले फुल हो चुके हैं। यहां कोरोना मरीजों को भर्ती कराना तो दूर प्राथमिक इलाज तक नहीं मिल पा रहा है। तीन पहले ही एक युवक को उसके परिजन तीन अस्पतालों में ले गए, लेकिन उसे कहीं इलाज नहीं मिला। मजबूर परिनों के सामने ही उनके लाडले ने दम तोड़ दिया।

सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना इलाज के लिए अनुमति तो दे दी, लेकिन ये अस्पताल भी कम पड़ने लगे हैं। दो-तीन दिनों में ही इन अस्पतालों के कोरोना के लिए आरक्षित किए गए बेड 90 फीसद तक भर चुके हैं। अस्पतालों की स्थिति बेहद खराब है। जिस तेजी से मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है। उत्तराखंड में हालात और बदतर हो सकते हैं।

 

महंत इंद्रेश
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल में 120 बेड रिजर्व किए गए हैं। इनमें 20 आईसीयू और 10 जनरल ऑक्सीजन वार्ड के बेड हैं। अस्पताल में आईसीयू के सभी बेड फुल हो चुके हैं। जिस तेजी से मरीज बढ़ रहे हैं। अस्पताल भी बेड बढ़ाने पर विचार कर रहा है। 

 

CMI
सीएमआइ अस्पताल कोविड-19 के मरीजों के लिए 44 बेड रिजर्व किए गए हैं। इनमें 30 सामान्य और दो आईसीयू बेड हैं। इसके अलावा 12 बेड इमरजेंसी के लिए रिजर्व रखे गए हैं। इमरजेंसी को छोड़कर बाकी सभी 32 बेड भरे हुए हैं।

 

हिमालयन अस्पताल
हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में आइसीयू के 10, जनरल वार्ड के 60 और प्राइवेट व सेमी प्राइवेट वार्ड के 27 बेड रिजर्व किए गए हैं। सभी आईसीयू बेड फुल हैं। इसके अलावा 50 अन्य मरीज भी भर्ती हैं। अस्पताल प्रबंधन आइसीयू और कोविड-19 बेड बढ़ाने जा रहा है।

 

कोरोना का महंगा इलाज
प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना के मरीजों को आठ से 15 हजार रुपये तक रोजाना खर्च करने पड़ रहे हैं। जनरल वार्ड के बेड की रोजाना की फीस आठ हजार रुपये है, जिसमें सामान्य दवाएं और जांच भी शामिल हैं। सेमी प्राइवेट बेड 11 हजार, आइसीयू बेड 12 हजार और प्राइवेट बेड 15 हजार रुपये रोजाना कोरोना मरीजों को दिए जा रहे हैं। आम लोगों के लिए इतनी महंगा इलाज करा पाना मुश्किल है। हालांकि सरकार ने आयुष्मान योजना के तहत भी लाभ दिया जा रहा है, लेकिन फिलहाल उतनी राहत नहीं मिल पा रही है।

 

होम आइसोलेशन
बेड फुल होने के कारण प्राइवेट अस्पताल अब मरीजों को होम आइसोलेशन के लिए भी भेज रहे हैं। ऐसे मरीज जिनकी कोविड-19 की रिपोर्ट पॉजिटिव है, लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं है। ऐसे सभी मरीजों को होम आइसोलेशन के लिए भेजा जा रहा है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भी 10 दिन में डिस्चार्ज किया जा रहा है। जिन मरीजों को तीन दिन तक बुखार ना आए या अन्य लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। उनको होम आइसोलेशन के लिए भेजा जा सकता है।

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posted on : September 10, 2020 6:50 am
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