उत्तराखंड : चौंकाने वाले हैं ये आंकड़े, देश में 4 नंबर पर हैं हम…पढ़ें ये रिपोर्ट

देहरादून: कोरोना का कहर पूरे देश में है। लेकिन, राज्य बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। उनमें से उत्तराखंड भी एक है। यूं कहें कि देश के सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में उत्तराखंड आबादी के हिसाब से 4 नंबर पर है। राज्य में प्रत्येक दिन 6 हजार तक मामले आ रहे हैं। एक्टिव केस तेजी से बढ़ रहे हैं। जिस गति से मामले बढ़े हैं, उतनी ही तेजी से मौत के आंकड़े भी बढ़े हैं। लोगों पर संकट है। अस्पतालों में जगह नहीं। सांसों पर हर पल संकट मंडरा रहा है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल खासकर हल्द्वानी में लाशों को जलाने की जगह तक कम पड़ने लगी है।

अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में तीन लाख से ज्यादा और दिल्ली में 97 हजार से ज्यादा मामले हैं। दिल्ली के हालात बेहद गंभीर हैं। यूपी में खासकर लखनऊ में हालात काबू से बाहर हो गए थे। अन्य शहरों में भी कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है। अस्पतालों के बाद ही लोग दम तोड़ रहे हैं। अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो प्रति लाख जनसंख्या पर कोरोना संक्रमित मामलों के आधार पर देखें तो दिल्ली से उत्तराखंड आगे हैं। दिल्ली से बहुत बहुत आगे है। दिल्ली ही नहीं देश के अधिकतर प्रदेशों से ज्यादा गंभीर हालात उत्तराखंड में हैं।

coronavirus uttarakhand

प्रति एक लाख आबादी पर सक्रिय मामलों में केवल तीन राज्य उत्तराखंड से आगे हैं जिनमें दो उत्तराखंड से मामूली रूप से ही आगे हैं। खास बात यह है कि इनमें से दो में लॉकडाउन है और उत्तराखंड से पीछे चल रहे राज्यों में भी दो से तीन दिन का वीकेंड लॉकडाउन है। हालात की गंभीरता और अभी भी बाजारों में आ रही भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड में लगता नहीं कि अपेक्षित सख्ती बरती जा रही है। आंकड़ों पर नजर डालें तो उत्तराखंड में प्रति एक लाख आबादी पर 460 लोग संक्रमित हैं। इसकी तुलना में केवल महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल आगे हैं। केरल इस सूची में सबसे ऊपर है जहां एक लाख आबादी में 822 संक्रमित हैं।

दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में एक लाख पर 589 और कर्नाटक में एक लाख पर 502 सक्रिय संक्रमित हैं। खास बात यह है कि केरल कर्नाटक और महाराष्ट्र को लेकर पूरे देश में भारी चिंता है जो कि उत्तराखंड को लेकर नहीं दिखती। साथ ही महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल में लॉकडाउन लगा हुआ है। हालांकि कर्नाटक में इसे लॉकडाउन न कह कर क्लोज डाउन कहा जा रहा है। उत्तराखंड से बहुत पीछे चल रहे हरियाणा (प्रति लाख पर 323 मामले) में वीकेंड लॉकडाउन है और दिल्ली (324 मामले प्रति लाख) में अरविंद केजरीवाल बहुत पहले ही लॉकडाउन की घोषणा कर चुके हैं। यह भी ध्यान देने योग्य है कि जिन प्रदेशों में कोरोना को लेकर बहुत ज्यादा गंभीर हालात बताए जा रहे हैं वे दरअसल उत्तराखंड से बहुत पीछे हैं।

इनमें उतर प्रदेश (151 एक्टिव मामले प्रति लाख), पंजाब (180 एक्टिव मामले प्रति लाख), राजस्थान (205 एक्टिव मामले प्रति लाख), बंगाल (110 एक्टिव मामले प्रति लाख), मध्य प्रदेश (108 एक्टिव मामले प्रति लाख), बिहार (186 एक्टिव मामले प्रति लाख) उल्लेखनीय हैं। अधिकांश अन्य प्रदेशों में भी यह आंकड़ा 200 प्रति लाख से नीचे है है। जबकि पूरे देश में प्रति लाख आबादी पर 233 सक्रिय मामले हैं। ऐसे में यह बहुत साफ है कि कुछ दिन के लॉकडाउन के बगैर यहां स्थिति नियंत्रण में आती नजर नहीं आ रही।

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posted on : May 1, 2021 2:27 pm
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