उत्तराखंड: प्राइवेट डिग्री कॉलेजों में सीट घोटाला, छात्रों के भविष्य से खिलवाड़, क्या होगी कार्रवाई ?

देहरादून: आपने कई तरह के माफिया के बारे में सुना होगा। वैसे ही माफिया अब एजुकेशन फील्ड में भी घुस आए हैं। स्कॉलरशिप घोटाला और अन्य कई तहर के मामले भी सामने आते रहे हैं। अब एक और घोटाला सामने आया है। इस घोटाले में इन एजुकेशन माफिया ने अपने फायदे के लिए 700 से ज्यादा छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर दिया। इसके केवल प्राइवेट कॉलेज ही नहीं। बल्कि श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी के कर्मचारी और अधिकारी भी शामिल हैं।

दरअसल, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्ध हरिद्वार और देहरादून जिले के 14 प्राइवेट कॉलेजों ने तय सीमा से 700 अधिक सीटों पर पहले तो नियम विरुद्ध एडमिशन किए और फिर गलत ढंग से परीक्षा करा दी। श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय ने उससे संबद्ध देहरादून और हरिद्वार जिले के प्राइवेट कॉलेजों के लिए बीए प्रथम वर्ष, बीएससी और बीकॉम प्रथम वर्ष की सीटें स्वीकृत की गई थी।

सवाल

  • इतना सबकुछ होने के बाद भी विश्वविद्याल प्रशासन को क्यों पता नहीं चला ?
  • अगर पता चल गया था तो कॉलेजों के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई ?
  • उन छात्रों का क्या होगा, जिन्होंने परीक्षा दी, लेकिन अब उनको रिजल्ट नहीं दिया जा रहा है ?
  • क्या उनसे वसूली गई फीस और उनके बर्बाद हुए साल की सरकार गारंटी लेगी ?

मामला संज्ञान में आने पर विश्वविद्यालय की ओर से इन छात्रों का रिजल्ट रोक दिया गया है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। प्रकरण में जो कोई भी दोषी पाया जाएगा संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। श्रीदेवसुमन विश्वविद्यालय पर यह भी आरोप है कि वर्ष 2019-20 में पहले सेमेस्टर सिस्टम लागू किया गया और फिर वार्षिक पद्वति को लागू कर दिया गया। जिससे छात्र-छात्राओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

नियमानुसार तय सीटों पर ही छात्र-छात्राओं के एडमिशन होने थे, लेकिन आरोप है कि इन कॉलेजों और विश्वविद्यालय के कुछ लोगों की मिलीभगत से प्राइवेट महाविद्यालयों में न सिर्फ निर्धारित सीटों से अधिक सीटों पर एडमिशन कर दिए। बल्कि, पिछले साल अगस्त से सितंबर तक इन छात्र-छात्राओं की परीक्षा भी करा दी गई। मामला सामने आने के बाद अब रिजल्ट रोक दिया गया है।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.पीपी ध्यानी के अनुसार प्राइवेट कॉलेज स्वीकृत सीटों से अधिक पर बच्चों के एडमिशन नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि संबंधित कॉलेजों का जवाब तलब किया गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर कॉलेजों के खिलाफ संबद्धता समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश में पूर्व में भी इस तरह का मामला सामने आ चुका है।

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posted on : July 23, 2021 12:47 pm
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