चमोली: पेड़ वाले गुरुजी की चर्चा देशभर में हो रही है। उन्होंने ऐसी पहल की है, जिससे हर कोई उन्हीं की चर्चा कर रहा है। उन्होंने चुनाव में ड्यूटी लगने पर किसी तरह का कोई मानदेय नहीं लेने का फैसला किया है। इसके लिए उन्होंने बाकायदा चुनाव आयोग का चिट्ठी लिखी है। उसमें उनहोंने कहा है कि वो मर्तमान से लेकर आज तक के किसी भी चुनाव में ड्यूटी लगने पर मानदेय नहीं लेंगे।
शिक्षक धनसिंह घरिया पेड़ वाले गुरुजी के नाम से भी जाने जाते हैं। वह पर्यावरण के प्रति काफी संवेदनशील हैं। वे पिछले बीच सालों से पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करते आ रहे हैं और हर साल जगह-जगह पर सैकड़ों पौधे लगाते हैं। साथ ही लोगों को भी पौधे लगाने के लिए जागरूक करते हैं। वे विद्यालय में पठन-पाठन के कार्य के साथ ही अतिरिक्त समय में पौधरोपण और पर्यावरण संरक्षण के काम में लगे रहते हैं।
चुनावों में विभिन्न स्तर पर लोग अलग-अलग रूप में इसमें अपनी भागीदारी निभाते हैं। खासकर चुनाव के समय शिक्षकों से लेकर अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों की इसमें ड्यूटी लगती है। जिसके लिए उन्हें चुनाव आयोग की ओर से निर्धारित यात्रा भत्ते और महंगाई भत्ते का भुगतान किया जाता है।
पोखरी के राजकीय इंटर कॉलेज गोदली में तैनात शिक्षक धन सिंह घरिया ने चुनाव ड्यूटी लगने पर किसी भी तरह का मानदेय लेने से इनकार किया है। उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र भेजकर कहा है कि लोकतंत्र के किसी भी स्तर पर होने वाली निर्वाचन प्रक्रिया में भागीदारी करना वह अपना कर्तव्य समझते हैं।
इसलिए वह वर्तमान चुनाव प्रक्रिया में तैनाती के साथ ही भविष्य के किसी भी चुनाव में ड्यूटी लगने पर टीए और डीए के तहत मिलने वाले मानदेय के लिए दावा नहीं करेंगे। उन्होंने आयोग से अनुरोध किया है कि उन्हें निर्वाचन प्रक्रिया में भागीदारी के लिए किसी भी तरह का मानदेय न दिया जाए। साथ ही यह भी अनुरोध किया है कि भविष्य में होने वाले चुनावों में वह निरंतर निस्वार्थ भाव सेवा करने की इच्छा रखते हैं।