प्राइवेट वालों के सामने सरकार ने टेके घुटने, नेता प्रतिपक्ष को भी नहीं किया भर्ती

देहरादून: नेता प्रतिपक्ष बड़ा ओहदा होता है। वो बीमार हुई तो मुख्यमंत्री ने हेलीकाॅप्टर भेज दिया। शहर विकास मंत्री ने मैक्स अस्पताल में बुक कराया। डीएम से सीएम तक सबने ताकत झोंकी, लेकिन एक प्राइवेट अस्पातल ने सबको घुटनों पर ला दिया। नेता प्रतिपक्ष 4 घंटे अस्पताल में ही इंतजार करती रही। इसके बाद भी उनको अस्पताल में कमरा नहीं मिला और वो वापस घर लौट गई। 

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हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में इसलिए भर्ती नहीं हुई कि वहां बहुत गंदगी थी। कमरे गर्म थे। वो नेता जी उस कमरे में कैसे रह सकती थीं, जिनको खुल मैदान में भी एसी की जरूरत पड़ती है। भगवान करे कि वो जल्द स्वस्थ हों, लेकिन उनको इस बहाने आम लोगों की मुश्किलों और दिक्कतों का एहसास जरूर हुआ होगा। सरकार को भी अपनी ताकत पता चल गई होगी कि वो केवल आम लोगों पर ही कानून का हंटर चला सकते हैं। बड़े मगरमच्छों पर उनको कोई प्रभाव नहीं चलता।

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मामला यह है कि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को कोरोना हुआ था। हल्द्वानी से कोरोना का इलाज कराने के लिए दून के एक नामी अस्पताल में पहुंचीं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को सरकार एक कमरा तक नहीं दिला पाई। करीब साढ़े चार घंटे के इंतजार के बाद नाराज इंदिरा अस्पताल से वापस लौटीं। उन्होंने पूरी सरकार, प्रशासन को फेल करार दिया। इंदिरा हृदयेश शहरी विकास मंत्री ने मैक्स में बात की और सीएम ने हेलीकॉप्टर भेजा। मैक्स में पहुंचने पर कहा गया कि आईसीयू में भर्ती किया जा सकता है।

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इंदिरा के अनुसार उनको आसीयू की जरूरत ही नहीं थी। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का कहना है कि मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं, बस डाक्टरों ने निमोनिया की शिकायत बताई तो मेरी चिंता बढ़ गई। सीएम ने हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की, उसके लिए उनका धन्यवाद। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा था कि मैक्स में आपके लिए रूम की व्यवस्था हो गई है।

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सीएम, शहरी विकास मंत्री, डीएम सबके फोन आए, लेकिन रूम की व्यवस्था नहीं हुई। पूरी सरकार ही फेल साबित हुई। मैं अब सदन में इस मसले को उठाऊंगी। एक वरिष्ठ नागरिक और नेता प्रतिपक्ष तक की नहीं सुनी जा रही है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम आदमी का क्या हाल हो रहा है।

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posted on : September 20, 2020 8:25 am
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