UTTARAKHAND : 92 करोड़ का वर्चुअल क्लास सिस्टम धड़ाम, फेल हुआ CM का ई-संवाद

देहरादून: उत्तराखंड में 92 करोड़ खर्च की स्कूलों में बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए चर्वुअल क्लास सिस्टम शुरू किया। इसी सिस्टम को सरकार ने तब क्रांति लाने वाला बताया था। लेकिन, आज उसी क्रांति ने धरातल दिखा दिया। राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में बने वर्चुअल क्लास कंट्रोल रूम में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पंचायत प्रतिनिधियों से ई-संवाद करने पहुंचे। कुछ जगहों पर कनेक्ट हुआ भी, लेकिन जब कार्यक्रम आगे बढ़ा पूर्रा वर्चुअल क्लास सिस्टम फेल हो गया। सवाल वर्चुअल क्लास पर तो है ही, सिस्टम भी सवालों के घेरे में है।

पांचायत प्रतिनिधियों से ई-संवाद

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज पांचायत प्रतिनिधियों से ई-संवाद किया। इस दौरान वर्चुअल क्लास के लिए लगाया गया पूरा सिस्टम की फेल साबित हुआ। कई पंचायत प्रतिनिधियों से कई बार कनेक्ट करने का प्रयास किया गया, लेकिन संभव नहीं हो पाया। लापरवाही सामने आने के बाद सीएम त्रिवेंद्र रावत ने अधिकारियों को फटकार लगाई और तकनीकि गड़बड़ियों की जांच करने के निर्देश दिए।

सिस्टम की खामियां सामने आती रही

प्रधानमंत्री मोदी की आत्मनिर्भर भारत योजना को प्रभावी बनाने के लिए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पंचायत प्रतिनिधियों से ई-संवाद का कार्यक्रम तय किया था। कार्यक्रम नवोदय विद्यालय नानुरखेड़ा से वर्चुअल क्लॉसेज के माध्यम से किया जाना था। ई-संवाद शुरू होने के बाद जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ता गया। सिस्टम की खामियां सामने आती रही। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत कई पंचायत प्रतिनिधियों से जुड ही नहीं पाए। चमोली के टंगसा स्कूल को जोड़ा, फिर इंटर काॅलेज जोशीमठ से कनेक्ट करने का प्रयास किया गया, लेकिन दोनों ही जगहों पर कनेक्टन नहीं हो पाया। पौड़ी जिले के राजकीय इंटर काॅलेज रिखणीखाल में संपर्क किया गया। वहां भी कनेक्ट नहीं हो पाया।

अधिकारियों को फटकार भी लगाई

मुख्यमंत्री ने सचिव समेत अन्य अधिकारियों को फटकार भी लगाई। इसको लेकर शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि तकनीकी खराबी के कारण ई-संवाद में दिक्कत आयी है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों से लगातार इसका ट्रायल किया गया, इस दौरान को दिक्कत नहीं आई थी। उन्होंने कहा कि यहीं से रोजाना वर्चुअल क्लासें भी चलती हैं। उनमें कोई दिक्कत नहीं आई। यह योजना राज्य के साढ़े चार सौ स्कूलों में शुरू की गई थी, जिस पर 92 करोड़ का खर्च आया है। सिस्टम के फेल होने से सरकारी सिस्टम पर ही कई सवाल खड़े हो गए हैं।

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posted on : July 13, 2020 10:47 am
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