उत्तरकाशी: नौगांव अस्पताल में महिला ने तीन बच्चों को दिया जन्म

नौगांव : राजस्थान के टोंक में एक महिला ने चार बच्चों को जन्म दिया। यह खबर पूरे देश में वायरल हो गई। अब उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के नौगांव अस्पताल में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां एक महिला ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया है। महिला का प्रसव नर्सिंग आफिसर निशा ने कराया।

नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहली बार एक महिला ने तीन बच्चों को जन्म दिया है। तीनों बच्चे और मां स्वस्थ हैं। हालांकि, बच्चों का वजन कम होने के कारण उन्हें देहरादून रेफर किया गया है। सामान्य तौर पर मेडिकल साइंस के हिसाब से एक हजार में किसी एक महिला के एक साथ तीन बच्चे हो सकते हैं।

नर्सिंग आफिसर निशा नौटियाल ने बताया कि रविवार रात नौ बजे सुनिधि पत्नी सुमन निवासी मौरी ब्लाक अस्पताल पहुंचे। उनके पास कोई भी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट नहीं थी, साथ ही अब तक उन्होंने किसी भी प्रकार की खून की जांच भी नहीं कराई थी। अस्पताल में गायनोक्लाजिस्ट भी नहीं थीं।

महिला का तुरंत प्रसव कराया जाना भी जरूरी था। जिसके बाद उन्होंने प्रसव कराने का निर्णय लिया। निशा नौटियाल ने बताया कि महिला और तीनों बच्चे स्वस्थ हैं। हालांकि बच्चों का वजन कम होने के कारण उन्हें फिलहाल देहरादून रेफर किया गया है। एक साथ तीन बच्चों के जन्म लेने से हर कोई हैरान है।

नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में यह पहली बार हुआ है। सामान्य तौर पर मेडिकल साइंस के हिसाब से एक हजार में किसी एक महिला के एक साथ तीन बच्चे हो सकते हैं।

निशा का कहना है की जब महिला प्रसव के लिए अस्पताल में आई थी, तो उनके पास किसी भी तरह की जरूरी जांच नहीं थी। यहां तक की ब्लड ग्रुप तक की भी जानकारी नहीं थी। ना ही उन्होंने कभी अल्ट्रासाउंड कराया था।

अब निशा के सामने यह मुश्किल थी कि वह डिलीवरी कराए या नहीं? लेकिन महिला की स्थिति को देखकर निशा ने तत्काल फैसला लिया और अस्पताल में ही डिलीवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी। निशा नौटियाल ने बताया की अस्पताल में इस तरह का पहला केस सामने आया है।

जिसमें बिना किसी जांच और अल्ट्रासाउंड के यह डिलीवरी कराई गई। हालांकि, उनका यह भी कहना है कि अस्पताल में इस तरह के गंभीर मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। लेकिन,  तीन बच्चों के एक साथ पैदा होने का यह पहला मामला है। अन्य मामलों मेडिकल जांच से मदद मिल जाती थी, लेकिन इस मामले में किसी भी तरह की जांचे कराई ही नहीं गई थी।

निशा का कहना है कि जैसे ही पहला बच्चा बाहर निकाल। उनको एहसास हुआ कि महिला के गर्भ में एक और बच्चा है। उन्होंने सूझबूझ से दूसरे बच्चे भी सकुशल बाहर निकाल लिया। तभी उनको एक और बच्चे के गर्भ में होने की जानकारी लगी, जो बेहद गंभीर स्थिति में गर्भ में फंसा हुआ था।

तीसरे बच्चे के गले में नाल भी फांसी हुई थी और बच्चे ने गर्भ में ही पॉटी भी कर दी। ऐसे में खतरा भी हो सकता था। लेकिन, नर्सिंग ऑफिसर निशा नौटियाल ने अपने कौशल और समझदारी से तीनों बच्चों और मां को सुरक्षित बचा लिया। इस दौरान उनके साथ मेडिकल आफिसर डाक्टर आशीष भी मौजूद रहे।

बड़ा सवाल सरकार के दावों पर है। सरकार भले ही तमाम दावे करती हो, लेकिन नौगांव अस्पताल आज भी बदहाल है। अस्पताल में ना तो गाइनेकोलॉजिस्ट है और ना ही अन्य तरह की जरूरी सुविधाएं। बावजूद इसके वहां तैनात निशा नौटियाल जैसे नर्सिंग ऑफिसर्स अपने दम पर लोगों की जान बचाने में डटी हुई हैं।

यह बेहद गंभीर मामला है कि आखिर कब तक रंवाई घाटी के सबसे बड़े अस्पताल की ऐसी दुर्दशा और बदहाली बनी रहेगी? कब तक स्वास्थ्य मंत्री के दावे ऐसे ही हवा में तैरते रहेंगे?

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posted on : August 28, 2023 3:44 pm
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