उत्तरकाशी : कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच इस बार गंगा दशहरा पुरोहितों ने विधि विधान से मनाया। सनातन वैदिक धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व है। गंगा दशहरा का पर्व हर साल जेष्ठ शुक्ल दशमी को मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं में गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। मान्यता है कि गंगा दशहरा को मां गंगा का श्रद्धापूर्वक स्मरण मात्र से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। आज पुरोहितों ने मां गंगा की उत्सव डोली नदी तट पर लेजाकर विशेष पूजा-अर्चना की। वंही, आज के दिन मां गंगा के पाषाण मूर्ति के दर्शन भी भक्त श्रद्धालु करते है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार महाराजा भगीरथ के अखंड तप से प्रसन्न होकर जिस दिन मां गंगा प्रथ्वी पर अवतरित हुईं, वह बहुत ही दिव्य और पवित्र दिन था। यह दिन जेष्ठ माह शुक्ल पक्ष की एकादशी था। धरती पर मां गंगा के अवतरण दिवस को गंगा दहशरा मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान से मनुष्य को कई यज्ञ करने के बराबर पुण्य प्राप्त होते हैं। इसलिए आस्थावान मनुष्य को पवित्र मन के साथ ही गंगा स्नान करना चाहिए। इस दौरान मां गंगा और भगवान शिव का स्मरण भी बहुत से लोग करते हैं।