UTTARAKHAND : रंग लाई डॉ. कपिल की मेहनत, यमुनोत्री तक सरपट दौड़ेंगे वाहन

बड़कोट : आजकल नाम के पहले या बाद में समाजसेवी लिखना आम बात हो चली है। कई ऐसे भी हैं, जिनको समाजसेवा के सही मायने तक पता नहीं होते। लेकिन, इन सबके बीच ऐसे भी लोग हैं, जो अपना समय तो सार्वजनिक हितों के कामों में लगा ही रहे हैं। साथ ही अपनी जेब खर्च कर लोगों की मदद भी कर रहे हैं। उन्हीं में एक नाम है युवा डॉ. कपिल देव रावत का। डॉ. कपिल लगातार क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं और समाज सेवा का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।

रवांई घाटी का मुख्य मार्ग

डॉ. कपिल देव रावत पिछले लंबे से देहरादून से यमुनोत्री तक के मार्ग को ऑलवेदर रोड में शामिल करने की मांग कर रहे थे। यह रोड कई स्थानों पर इतना संकरा है कि यहां दो बड़ी बसें तो दूर की बात, कार तक पास नहीं हो सकती। जबकि यह यमुनोत्री के साथ गंगोत्री धाम की यात्रा का भी प्रमुख मार्ग है। साथ ही कई अन्य धार्मिक और पर्यटन स्थलों के लिए भी यात्री और पर्यटक इस मार्ग से आते हैं। इसके अलावा पूरी रवांई घाटी के लोगों का यह मुख्य मार्ग।

PMO और परिवहन मंत्रालय से पत्राचार

कपिल देव रावत ने मार्ग को आलवेदर रोड से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर सड़क परिवहन मंत्रालय तक लगातार पत्राचार किया। जवाब नहीं मिलने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और लगातार मंत्रालय और पीएमओ के साथ पत्राचार करते रहे।आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और यमुनोत्री मार्ग चौड़ीकरण का रास्ता साफ हुआ।

NHI ने बनाई DPR

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-123) के चौड़ीकरण की डीपीआर लगभग फाइनल हो गई है। भारतमाला सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय मुख्य अभियंता क्षेत्रीय अधिकारी देहरादून ने पीएम ऑफिस से पत्र का संज्ञान लेते हुये समाजसेवी डॉ. रावत को पत्र भेज कर अवगत करवाया कि PMO ऑफिस को जो पत्र भेजा था, उसका संज्ञान लेकर राजमार्ग (NH-123) को भी ऑलवेदर में शामिल करने को लेकर पत्र भेजा था, उसका संज्ञान ले लिया गया है, जिसकी DPR प्रगति पर है।

यमुनोत्री जाने का सबसे छोटा मार्ग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 दिसम्बर 2016 को उत्तराखण्ड के चारधामों को सुगम बनाने के लिए ऑलवेदर सड़क परियोजना का शिलान्यास किया था। लेकिन, चारधाम यात्रा मार्गों के ऑलवेदर परियोजना में यमुनोत्री जाने का सबसे छोटा रास्ता (144 किमी) मसूरी-केम्पटी-नैनबाग-डामटा-नौगांव-बड़कोट-यमनोत्री को शामिल नहीं किया था।

 

लगातार करते रहे प्रयास

डॉ. कपिल देव रावत ने प्रधानमंत्री और भारत सरकार के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र भेजकर इस राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-123) को भी ऑलवेदर परियोजना में शामिल करने की अपील की, ताकि यमुनोत्री जाने का सबसे छोटा मार्ग इसमें शामिल हो सकें। डॉ. कपिल ने इस मार्ग के मामले को मुख्यमंत्री के युवा डायलॉग संवाद कार्यक्रम के अलावा विभिन्न मंचों पर भी उठाया, जिसके आप सुखद परिणाम सामने आए हैं।

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posted on : January 21, 2021 2:59 pm
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