उत्तराखंड : सात साल पहले की थी मां, भाई और गर्भवती भाभी की हत्या, अब मिली सजा-ए-मौत

नई टिहरी: 2014 में मां, भाई और गर्भवती भाभी की हत्या के मामले में कोर्ट ने आरोपी को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई है। मामला जिले की गजा तहसील के गुमाल गांव में सात साल पहले सामने आया था। दोषी को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमा पांडेय की अदालत ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है।

कोर्ट ने आरोपी पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता बेणी माधव शाह ने बताया कि 13 दिसंबर 2014 को गजा तहसील के गुमाल गांव निवासी राम सिंह पंवार ने नायब तहसीलदार गजा को दी तहरीर में बताया था कि उसके बेटे संजय सिंह ने अपनी मां मीना देवी, भाई सुरेंद्र सिंह और गर्भवती भाभी कांता देवी की तलवार से हत्या कर दी थी।

तहरीर के आधार पर नायब तहसीलदार ने राजस्व पुलिस चौकी क्वीली में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। तत्कालीन ग्राम प्रधान सहित कई लोगों ने घटना की तस्दीक की। राजस्व पुलिस ने घटना स्थल से तलवार के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया।

राजस्व पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201 और 316 के तहत आरोपपत्र तैयार कर सीजेएम कोर्ट में पेश किया। सीजेएम कोर्ट ने परीक्षण के बाद 10 फरवरी 2015 को मामला सेशन कोर्ट के सुपुर्द कर दिया।

मंगलवार को एडीजे रमा पांडेय की अदालत में मामले पर बहस हुई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता बेणी माधव शाह ने मामले में कई दस्तावेज पेश किए।

अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले को रेयर ऑफ द रेयरेस्ट पाते हुए कठोरतम दंड से दंडित करने का निर्णय लिया और अभियुक्त को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि घटना से आहत अभियुक्त के पिता राम सिंह की दो माह बाद ही मृत्यु हो गई थी।

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posted on : August 26, 2021 7:50 am
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