उत्तराखंड: ऑनलाइन पढ़ाई के लिए खतरे में जान, रोज नापते हैं 2 किलोमीटर चढ़ाई, बच्चे बोले : मोबाइल टावर लगवा दो

नैनीताल: कुछ दिनों पहले अल्मोड़ा की एक खबर सामने आई थी। वहां बच्चों को ऑनलाइन क्लास पढ़ने के लिए कई किलोमीटर चढ़ाई चढ़कर खेतों में जाना पड़ रहा था। एक ऐसी ही खबर आज नैनीताल से सामने आई है। सरोवर नगरी से महज 16 किलोमीटर दूर भवाली गांव के बच्चों को ऑनलाइन क्लास पढ़ने के लिए रोजाना 2 किलोमीटर की चढ़ाई नापनी पड़ती है। हैरानी की बात यह है कि नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सांसद अजय भट्ट कहते हैं कि उनको इसकी कोई जानकारी नहीं हैं।

गांव में मोबाइल नेटवर्क नहीं आता
गांव में मोबाइल नेटवर्क नहीं आता है। इन बच्चों ने अब तो बाकायदा गोले बनाकर अच्छे नेटवर्क वाले स्थान चिह्नित कर लिये हैं। रोजाना 30 से अधिक बच्चे सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे के बीच यहां पहुंचते हैं। हिन्दुस्तान की खबर के अनुसार कक्षा 8 के छात्र युवराज बिष्ट, कक्षा 9 की छात्रा भूमिका का कहना है कि नेटवर्क की समस्या से उनकी पढ़ाई चैपट हो रही है।

उत्तराखंड: ऑनलाइन पढ़ाई के लिए खतरा मोल ले रहे बच्चे, पहाड़ी चढ़ने को मजबूर

बच्चों को भारी पड़ रही 2 किलोटर चढ़ाई
कक्षा 7 के छात्र सोनू और निशु को रोजाना दो किलोमीटर पहाड़ चढ़ना भारी पड़ता है। स्कूल खुले नहीं हैं, ऐसे में उनके लिए ऑनलाइन पढ़ाई करना मजबूरी है। भवाली गांव के अधिकतर बच्चे कक्षा 6 से 12 तक के छात्र हैं। कोरोना कफ्र्यू के चलते इन दिनों ये बच्चे अपने गांव लौटे हुए हैं।

जंगली जानवरों को खतरा
जंगली जानवरों के खतरे को देखते हुए ये बच्चे मोबाइल नेटवर्क की तलाश में समूह बनाकर जंगल में पहाड़ी पर पढ़ने जाते हैं। भवाली गांव की ग्राम प्रधान ज्योति बिष्ट का कहना है कि ज्योति बिष्ट गांव में वर्षों से मोबाइल नेटवर्क की समस्या है। हम अधिकारियों से लेकर विधायक, सांसद तक के सामने यह बात रख चुके हैं। गांव के बच्चों की पढ़ाई में काफी दिक्कत आ रही है।

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posted on : June 6, 2021 5:14 pm
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