हल्द्वानी : कहावत है कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। यह कहावत हल्द्वानी में सही साबित हुई है। यूकेजी में पढ़ने वाला महज पांच साल का तेजस तिवारी दुनिया का सबसे कम उम्र का शतरंज खिलाड़ी बन गए हैं। तेजस दीक्षांत स्कूल में यूकेजी में पढ़ते हैं। उनको अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ ने उन्हें सबसे कम उम्र का खिलाड़ी घोषित कर दिया है।
इतना ही नहीं तेजस को जून माह में जारी हुई अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) की सूची में 1149वीं रेटिंग मिली है। महासंघ ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल से जारी की है। भारतीय शतरंज खिलाड़ी जब साढ़े तीन साल का था, तब उसे परिवार के सदस्यों को खेलते हुए देखकर शतरंज में रुचि हो गई। उसे समझ आ गया कि खेल कैसे बहुत तेजी से खेला जाता है।
चार साल की उम्र में उन्होंने जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में खेलना शुरू कर दिया और अपने खेल से लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया। जल्द ही, वह राज्य के बाहर राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे थे। तेजस ने चार साल और तीन महीने की उम्र में अपना पहला फिडे-रेटेड रैपिड टूर्नामेंट खेला। तब से, उन्होंने भारत के 13 राज्यों में विभिन्न फिडे-रेटेड टूर्नामेंट खेले हैं।
उन्होंने 2022 में अपने राज्य टूर्नामेंट में अंडर-8 श्रेणी में प्रथम स्थान हासिल किया था। 2022 में उन्होंने भुवनेश्वर शहर में नेशनल स्कूल चौंपियनशिप की अंडर-5 श्रेणी भी जीती। 22 से 27 मई, 2023 को आयोजित पहले स्वर्गीय धीरज सिंह रघुवंशी ओपन फिडे रेटेड शतरंज टूर्नामेंट में तेजस ने अपनी पहली फिडे रेटिंग 1149 हासिल की। तेजस तिवारी वर्तमान में किंडरगार्टन के छात्र हैं। वह रोजाना 2 से 3 घंटे शतरंज का अभ्यास करता है और ग्रैंडमास्टर और एक दिन विश्व चौंपियन बनना चाहता है।
तेजस तिवारी हल्द्वानी के सुभाष नगर क्षेत्र के रहने वाले हैं। उनके पिता शरद तिवारी सामाजिक कार्यकर्ता हैं और माता इंदु तिवारी गृहिणी हैं। उनके पिता ने बताया कि फिडे की ओर से उन्हें ईमेल मिला है। उनके पिता भी कुमाऊं विवि के शतरंज खिलाड़ी रह चुके हैं।