‘Liparis pygmia’ : उत्तराखंड में मिला दुर्लभ फूल, 124 साल पहले यहां देखा गया था ये फूल

  • ये 124 साल बाद नजर आया है.

  • Liparis pygmia की चर्चा दुनियाभर में हो रही है.

चमोली : उत्तराखंड अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। यहां कई तरह की जड़ी-बूटियों के साथ ही फूलों की घाटी और दूसरी जगहों पर दुनिया के दुर्लभ फूलों की प्रजातियां पाई जाती हैं। ऐसी ही दुर्लभ प्रजाति के एक फूल की चर्चा दुनियाभर में हो रही है। इस फूल के बारे में फ्रांस के एक रिसर्च जर्नल में छपे रिसर्च के बाद हुई है। इस फूल की खास बात यह है कि ये 124 साल बाद नजर आया है।

चमोली जिले में पहली बार ऑर्किड प्रजाति का दुर्लभ फूल ‘लिपारिस पिगमीआ’ (Liparis pygmia) पाया गया है। वन अनुसंधान केंद्र के रिसर्च फेलो मनोज सिंह और रेंजर हरीश नेगी ने Liparis pygmia खोज की है और इस खोज को फ्रांस के प्रतिष्ठित जर्नल रिकाॅर्डियाना (Ricardiana) में भी प्रकाशित किया गया है। यह पहला मौका है कि उत्तराखंड Liparis pygmia का फूल मिला है। रिसर्च के मुताबिक यह भी पहली बार हुआ कि लिपारिस पिगमीआ फूल पश्चिम हिमालय में देखा गया है।

Liparis pygmia

उत्तराखंड में चमोली जिले में 3800 मीटर की ऊंचाई पर सप्तकुंड ट्रेक (Saptakund Trek) पर घनसाल उडियार के पास Liparis pygmia फूल को देखा गया। यह फूल इससे पहले सिक्किम और पश्चिम बंगाल में देखा गया था। वन अनुसंधान केंद्र के मुताबिक Liparis pygmia फूल करीब दो माह पूर्व खोजा गया था। इसे जांच के लिए पूणे स्थित बोटैनिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Botanical survey of india) में भेजा गया। Botanical survey of india ने इस फूल के ‘लिपारिस पिगमीआ’ होने की पुष्टि की हैं।

Liparis pygmia फूल की खोज करने वाले रेंज अधिकारी हरीश नेगी ओर रिसर्च फेलो मनोज सिंह को ट्रेकिंग का जुनून है। दोनों ही सतोपंथ के ट्रेक पर थे और एक गुफा के पास उन्हें यह फूल नजर आया। मुख्य मार्ग से अलग यह जगह आकर्षक थी। मनोज सिंह टेक्सोनॉमी के विशेषज्ञ हैं। फूल कुछ अलग दिखा तो सैंपल लिया गया और बात आगे बढ़ी। मुख्य वन संरक्षक वन अनुसंधान संस्थान संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि यह अब साबित हो गया है कि Liparis pygmia पहली बार उत्तराखंड में देखा गया है। वन अनुसंधान केंद्र इसका अध्ययन करेगा और इसके संरक्षण के लिए काम करेगा।

रिसर्चर मनोज सिंह ने एक अखबार को बताया कि फूल 100 साल पहले Liparis pygmia सिक्किम में देखा गया था। नेपाल और चीन में भी Liparis pygmia रिपोर्ट किया गया। रेंजर हरीश नेगी ने कहा कि सतोपंथ का ये ट्रेक खास लोकप्रिय नहीं है। कम ही वनस्पति विज्ञानी तरफ जाते हैं। उन्होंने कहा कि उनको ट्रेक का शौक और पेड़ पौधों को परखना अच्छा लगता है। Liparis pygmia फूल की खोज में भी यही काम आया।

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posted on : September 11, 2020 7:19 am
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