RAT में निगेटिव आने के बाद भी करना होगा RT-PCR टेस्ट, ये है बड़ा कारण

कोरोना (Corona) को लेकर रेकॉर्ड मामले आने के बाद सरकार की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। सरकार ने फैसला किया है कि रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) में निगेटिव आने वाले संदिग्ध मरीजों का दोबारा अनिवार्य रूप से RT-PCR टेस्ट करें। RAT जांच रिपोर्ट केवल 20 मिनट में आ जाती है, लेकिन आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट आने में 12 से 24 घंटे तक का वक्त लग जाता है। रैपिड एंटीजन टेस्ट से अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो इसकी विश्वसनीयता लगभग 90% या उससे ज्यादा भी हो सकती है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और ICMR ने साझा तौर पर गुरुवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चिट्ठी लिखी। चिट्ठी में सभी राज्यों को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि रैपिड एंटीजन टेस्ट से निगेटिव आने वाले लक्षण वाले लोगों का अनिवार्य रूप से RT-PCR टेस्ट करें।अभी तक एंटीजन टेस्ट में निगेटिव पाए जाने के मरीज को निगेटिव मान लिया जाता था। लेकिन एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव टेस्ट पाए जाने पर RT-PCR टेस्ट के माध्यम से कोरोना वायरस की पुष्टि की जाती थी। अब रैपिड एंटीजन टेस्ट में निगेटिव आने के बाद उनकी दोबारा जांच की जाएगी।

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सरकार ने कोरोना संक्रमितों का पता लगाने के लिए Rapid Antijan टेस्ट का सहारा लिया था। लेकिन तभी कहा गया था कि अगर इसकी रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उसकी विश्वसनीयता कम होगी जबकि अगर ये पॉजिटिव बताता है तो इसकी विश्वसनीयता 90 फीसदी है। अब सरकार ने यही दिमाग लगाया कि जिन लोगों में पिछले दिनों निगेटिव रिपोर्ट आई है उनका दोबारा से टेस्ट किया जाए क्योंकि बहुत संभावना है कि इनमें एक बड़ा तबका ऐसा निकले जो पॉजिटिव हो और वो कई लोगों को संक्रमित कर रहा हो।

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ICMR और स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार रैपिड एंटीजन टेस्ट (RTA Test) में संक्रमणमुक्त पाए गए लक्षण वाले सभी मामलों और आरएटी में ही संक्रमणमुक्त पाए गए ऐसे लक्षणरहित मामले जिनमें जांच के दो या तीन दिन बाद लक्षण आने लगते हैं, उनकी आरटी-पीसीआर (RT-PCR Test) के जरिए दोबारा जांच करवाना आवश्यक है। 

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posted on : September 11, 2020 9:04 am
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