प्रधान जी ने लिखा…मैंने सुना कि प्रधानों को सरकार 1500 महीना देती है…!

  • प्रधान बने एक वर्ष होने वाले हैं , कोई भी मानदेय नहीं मिला।

  • आखिर फिर हम जैसे कुछ प्रधानों ने क्या बिगाड़ा।

प्रधान जी ने लिखा...मैंने सुना कि प्रधानों को सरकार 1500 महीना देती है। प्रतिमाह मानदेय भी देती है। सुना इसलिए लिख रहा हूं कि हमने सिर्फ सुना ही है। एक वर्ष होने वाले हैं प्रधान बने हुए। कोई भी मानदेय अभी तक मुझे नहीं मिला। मुझे ही नहीं हमारे कई साथी प्रधानों को मानदेय नहीं मिला। साथ ही जिन कामों को किया उनका एफटीओ नहीं हो रहा है। आखिर कब ये मानदेय मिलता है। क्योंकि मानदेय देने वाली सरकार के कर्मचारियों को हर माह तन्खवाह मिलती है।

 

विधायक सांसद, मंत्रियों को भी समय पर प्रतिमाह वेतन भत्ते आदि मिलते हैं। आखिर फिर हम जैसे कुछ प्रधानों ने क्या बिगाड़ा, जिनको एक वर्ष तक मात्र प्रतिमाह 1500 मानदेय भी नहीं मिल सका। ग्राम प्रधान के रूप में एक मुहर के अलावा अन्य कोई कार्यभार न मिला। पूछते हैं तो बताया जाता है कि पुराने कामों का ऑडिट होगा। सवाल ये है कि वो ऑडिट कब होगा ? कब हमारे काम रफ्तार पकड़ेंगे या फिर हम यूं ही अपने खर्चे पर ब्लॉक मुख्यालय की दौड़ और कर्मचारियों की ढूंढ में घूमते फिरेंगे ?

 

एक वर्ष होने वाला है और काम की रफ्तार भी सुस्त ही है। आखिर क्यों नहीं सरकार के कहे अनुसार काम हो रहा है ? कब तक प्रधानों को सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहेगा? अरे भई ये क्या बात हुई कि योजनाएं ऊपर से ही थोपी जा रही हैं। यदि किसी गांव में बरसात में टूट-फुट हुई हो। आने-जाने के रास्ते जर्जर हों, उनकी बजाय कहीं दूर के तोकों में भूमि सुधार या वनीकरण को क्यों तवज्जो मिलती है?

 

क्यों नहीं सम्पर्क मार्ग, साफ-सफाई, पेयजल आपूर्ति प्रमुख योजनाओं को जल्द स्वीकृति नहीं मिलती? बातें तो बहुत हैं, लेकिन बड़ा अजीब सा लगता है कि एक वर्ष होने वाला है और 1500 प्रतिमाह का मानदेय तक नहीं मिल सका। इस वर्ष कोरोना में ही साल चला गया। प्रधानों ने कोरोनाकाल मे बेहतर काम किया लेकिन, दुःखद यह है कि प्रधानों की समस्याओं को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है।

  • चंद्रशेखर पैन्यूली
    ग्राम प्रधान लिखवार गांव, टिहरी
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posted on : October 1, 2020 11:20 am
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