खतरों के बीच इस मिशन में जुटे हैं कर्नल कोठियाल, बोले दुवाओं और आशीर्वाद की जरूरत

  • प्रदीप रावत (रवांल्टा)

कर्नल कोठियाल। ये नाम किसी के नया नहीं है। इस नाम को सुनते ही केदारनाथ त्रासदी के नायक का चेहरा सामने तैरने लगता है। अपने भीतर बुलेट समाए कर्नल कोठियाल जम्मू में आतंकियों का काल रहे। पिछले कुछ समय से कर्नल कोठियाल कहीं ना तो नजर आ रहे हैं और ना उनकी कहीं चर्चा हो रही है, लेकिन देश का ये रीयल हीरो चुपचाप एक ऐसे मिशन में जुटे हुए हैं, जिसकी देश को बड़ी जरूरत है। उस मिशन में भी उत्तराखंड के कर्मवीर जीजान से जुटे हैं। ये मिशन बेहद खतरनाक मिशन भी है। इतना खतरनाक कि कर्नल कोठियाल को भी अराकन आर्मी ने किडनैप कर लिया था। उनके एक साथी की जान तक चली गई थी।

 

म्यांमार आर्मी और अराकन आर्मी की गोलीबारी के बीच उत्तराखंड के कर्मवीर म्यांमार में सड़क निर्माण के काम पर जुटे हुए हैं। बेहद जटिल परिस्थितियों में भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट की कमान कर्नल कोठियाल को सौंपी है। उनके साथ उत्तराखंड के कई युवा भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में दिन-रात जुटे हुए हैं। कर्नल कोठियाल ने भावुक पोस्ट लिखी है।

नमस्कार,
 
बहुत समय से हमारी तरफ अच्छे विचार रखने वालों के संदेश आ रहे हैं। हम जिस जगह पर हैं, वहां नेटवर्क नहीं होने के कारण हम जवाब नहीं दे पाए, माफी चाहते हैं। पिछले 7 महीने से हम Burma/Myanmar (विदेश) में हैं…। भारत की Act East Policy के तहत Burma में एक अंतरराष्ट्रीय रोड कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट है, जिसका नाम Kaladan Multi-Modal Transit Transport Project (KMMTTP) है…। Burma में जिस इलाके से यह रोड बनाई जा रही है, यहां तकरीबन रोज Myanmar Army और Arakan Army के बीच गोलीबारी (फायरिंग) चलती रहती है…।
 
खतरनाक जंगल, जानलेवा मलेरिया, जहरीले सांप, बिच्छू, बहुत तेज बरसात, अत्यधिक गर्मी इस इलाके की कुछ खासियतें हैं…।
 
यह माना जा सकता है कि केदारनाथ पुनर्निर्माण से तकरीबन 10 गुनी ज्यादा मुश्किलें इस प्रोजेक्ट में है। इस बीच यहां कुछ जानलेवा हादसे भी हमारे साथ हो चुके हैं… हमारा अपहरण भी हुआ था, जिसमें हमारे एक साथी की जान चली गई थी। वह आपको मालूम ही होगा…। लेकिन…यूथ को रोजगार प्रदान करने का यह एक बहुत बड़ा प्लेटफार्म है… इसलिए हमें यहां काम करने में बहुत मजा आ रहा है।
 
सेना से रिटायरमेंट के बाद फौज जैसा ही काम करने का मौका मिल रहा है। हमें यह समझ आता है कि युवाओं को ऐसे काम करने में बहुत मजा आता है।
 
उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा सर, जिन्होंने हमें केदारनाथ में काम करने का मौका दिया, यहां पर भी उन्होंने ही हमको काम करने का मौका दिया है। उत्तराखंड का युवा केदारनाथ पुनर्निर्माण में भी हमारे साथ था…उत्तराखंड का युवा यहां पर भी हमारे साथ है…।
 
एक बार यह कार्य सही तरीके से चलना शुरू हो जाए, तब जल्द ही हम उत्तराखंड आएंगे…। दुआओं की जरूरत है, आशीर्वाद की जरूरत है, अंतरराष्ट्रीय ख्याति वाला यह कार्य जरूर पूरा होगा।
 
धन्यवाद।
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posted on : September 3, 2020 2:40 pm
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