गजब! उत्तराखंड में चर्चाओं के बाद भी इंतजार, हिमाचल में हो गया विस्तार

लगता है। उत्तराखंड भाजपा कैबिनेट के खाली पदों को भरना ही नहीं चाहती। वरना अत तक तो कब के भर चुके होते। मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चाओं के बीच कई बार मुखिया तक को बदलने के चर्चे हुए, लेकिन केवल चर्चा ही हुई। मंत्री बनाने की भी केवल चर्चा ही हो रही है। वैसे अगर पहली वाली चर्चा धरातल पर उतर गई होती तो शायद अब तक मंत्री भी बन चुके होते। कुछेके तो पूर्व हो गए होते…। बहरहाल ऐसा हुआ नहीं।

 

असल मसला ये है कि हिमाचल में भी सरकार बनने के बाद से कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं चल रही थी। खबर ये है कि वहां कि चर्चा फलीभूत हो गई है। मंत्री बन गए हैं। कामकाज तो उनके पास वैसे भी कुछ बचा नहीं है…। लेकिन, रुतबा तो मिल ही गया। अब उत्तराखंड की बात करते हैं। उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं सरकार बनने के बाद से ही हो रही हैं। विधानसभा चुनाव 2022 में होने हैं। बहुत ज्यादा वक्त बचा भी नहीं है। बावजूद अब तक चर्चाएं ही हो रही हैं। खास बात ये है कि मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक कह रहे हैं कि मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा है। लेकिन, कब होगा कोई बताने का राजी नहीं है।

 

विधायक इस इंतजार में हैं कि कब उनकी लाॅटरी लगेगी। कब मंत्री बनेंगे और कब ओ उत्तराखंड के विकास में तूफानी तेजी लाएंगे…। हालांकि जिस तरह से सरकार और पार्टी हर बार बयान देकर मंत्री पद के दावेदार विधायकों को लाॅलीपाॅप थमा देती है, उससे लगता तो नहीं कि ऐसा कुछ होने वाला है। कहीं ऐसा ना हो कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मंत्रीमंडल का विस्तार हो…और मंत्री जी बगैर कुछ किये ही पूर्व मंत्री हो जाएं। बहरहाल जो भी है, सरकार को फैसला लेना चाहिए। अगर मंत्री नहीं भी बनाएंगे, तब भी कुछ नहीं होने वाला। हां राज्य को एक फायदा जरूर होगा कि राज्य की जनता की जेब कटने से बच जाएगी। सरकारी खजाना भी सुरक्षित रहेगा।

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posted on : July 31, 2020 3:11 pm
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