उत्तराखंड: गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी में सर्टिफिकेट, लोककला में MA

देहरादून: राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून विश्वविद्यालय में डॉ. भीमराव अम्बेडकर चेयर स्थापना उद्घाटन कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में सीएम धामी भी मौजूद रहे। इस मौके पर दून यूनिवर्सिटी की ओर से कुछ नए पाठ्यक्रम भी पेश किए गए। इनमें गढ़वाली, कुमांउनी, जौनसारी भाषाओं में एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स और उत्तराखंड की लोककला पर आधारित दो साल का स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (MA थियेटर) खास हैं।

उत्तराखंड के हिलाज से यह बेहद अम कोर्स हैं। हालांकि इनमें अलावा भी राज्य में 10 और भाषाएं हैं, जिनका संरक्षित और संवर्धित करने की जरूरत हैं। इनके राज्यपाल मौर्य ने दून विश्वविद्यालय में मौलिक शोध और नवाचार को विकसित करने के लिए शोध और नवाचार केन्द्र की स्थापना करने, सत्र 2020-21 से दून विश्वविद्यालय में बीएससी इंटेग्रेटेड बॉयोलॉजिकल सांइसेस, MA/एमएससी गृहविज्ञान, बीए (ऑनर्स) मनोविज्ञान जैसे नये पाठ्यक्रमों के शुभारंभ की घोषणा की है।

एक और खास बात यह रही कि कोरोना महामारी में जो बच्चे अनाथ हुए हैं, उनके लिए दून विश्वविद्यालय में संचालित प्रत्येक पाठ्यक्रम में एक सीट इस सत्र में आरक्षित की जायेगी। यह सीट पूर्व से आवंटित सीटों के अतिरिक्त होगी। सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर क्षेत्र में क्वालिटी ऑफ वर्क देने का प्रयास किया जायेगा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न समस्याओं के समाधान एवं शैक्षणिक गुणवत्ता के सुधार के लिए जल्द ही एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जायेगी।

राज्य में सीमित आर्थिक संसाधन हैं, इसके बावजूद भी राज्य सरकार द्वारा जनहित में अनेक निर्णय लिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी घोषणाएं की जायेंगी, समयबद्धता के साथ वे पूर्ण भी की जायेंगी। सबको साथ लेकर राज्य को आगे बढ़ाया जायेगा। राज्य सरकार का प्रयास है कि 2027 तक उच्च शिक्षा, पर्यटन, कृषि एवं सड़कों के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनायेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी पहली कैबिनेट मे ही सरकार ने जनहित से संबंधित अनेक निर्णय लिये। राज्य में विभिन्न विभागों के अनेक रिक्त पदों पर भर्तियां करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए प्रक्रिया भी तेज हो चुकी है। स्वरोजगार की दिशा में भी राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य में 10 लाख से अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए रोडमैप बनाया जा रहा है।

कोविड की वजह से भर्ती प्रक्रियाओं में अभ्यर्थियों को अधिकतम आयुसीमा में एक साल की छूट प्रदान की गई है। एनडीए एवं सीडीएस की प्रारम्भिक परीक्षा पास करने के बाद अभ्यर्थियों को साक्षात्कार की तैयारी के लिए 50 हजार की वित्तीय सहायता एवं संघ लोक सेवा आयोग की प्रारम्भिक परीक्षा पास करने वाले सभी अभ्यर्थियों एवं पीसीएस प्रारम्भिक परीक्षा पास करने वाले चयनित 100 अभ्यर्थियों को मेन्स एवं साक्षात्कार के लिए 50-50 हजार रूपये की वित्तीय सहायता दी जायेगी।

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posted on : July 30, 2021 4:52 pm
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