देहरादून: उत्तराखंड SDRF ने माउंट गंगोत्री पीक को फतह करने में सफलता हासिल की है। यह उत्तराखंड SDRF के इतिहास में एक नया कीर्तिमान है। यह अभियान इसलिए भी खास रहा कि इसका नेतृत्व एक महिला इंस्पेक्टर ने किया। इस दल को CM पुष्कर सिंह धामी ने रवाना किया था। डीजीपी अशोक कुमार ने दल को इस सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उत्तराखंड पुलिस के लिए गौरव की बात हैं
पर्वतारोहण मात्र एक अभियान नहीं, बल्कि यह जीवन जीने का नजरिया बदलने वाला अनुभव होता है। किसी खतरनाक चोटी पर चढ़ना आम बात नहीं होती। उसके लिए अदम्य साहस और कुछ कर गुजरने का जुनून चाहिए होता है। किसी चोटी पर चढ़ना जहां रोमांचित करने वाला अनुभव होता है। वहीं, चढ़ाई के दौरान धैर्य और मजबूत हौसले की भी जरूरत होती है।
अभियान भले ही शुरू में रोमांचक लगे, लेकिन जब असहनीय ठंड, ऑक्सीजन की कमी, हिमस्खलन का खतरा जैसे भीषण खतरे आपके सामने हों, उस वक्त धैर्य और हिम्मत ही काम आती है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही एसडीआरएफ की 17 सदस्यीय टीम का चयन किया गया था।
गंगोत्री-1 को समिट करने गई टीम को लगातार तीन दिनों तक खराब मौसम और बर्फबारी के कारण समिट कैम्प में ही इंतजार करना पड़ा। 29 सितम्बर जैसे ही मौसम थोड़ा ठीक हुआ। टीम चोटी पर फतह करने के लिए समिट कैम्प से निकल पड़ी। सुबह 8 बजे गंगोत्री-1 को सकुशल फतह कर उत्तराखंड पुलिस का झंडा फहराया गया।
SDRF ने इस अभियान के माध्यम से एक नया कीर्तिमान रचा है। यह उत्तराखंड पुलिस के इतिहास में पहली बार है, जब किसी पर्वतारोहण अभियान की कमान किसी महिला इंस्पेक्टर के हाथों में हो। महिला इंस्पेक्टर अनिता गैरोला ने इस अभियान का नेतृत्व किया ओर सफलता भी हासिल की।
इसके अलावा 11 सदस्यीय SDRF की जिस पर्वतारोहण टीम ने गंगोत्री-1 को समिट किया। उसमें महिला आरक्षी प्रीति मल भी शामिल रहीं, जिन्होंने किसी भी पीक को समिट करने वाली प्रथम महिला आरक्षी होने का गौरव हासिल किया है। एसडीआरएफ का यह अभियान कई मायनों में खास रहा।