ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ी ने किया खेल रत्न लौटाने का ऐलान, जानें क्यों ?

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन और तेजी हो गया है। अब किसानों का आंदोलन देशभर में जोर पकड़ने लगा है। इस आंदोलन का एक मोड़ पूंजपतियों के विरोध की ओर भी घूमता नजर आ रहा है। समर्थन बढ़ता जा रहा है। दिल्ली को घेरकर सीमाओं पर हजारों किसान डटे हैं।

देश के तमाम राजनीतिक दल आठ दिसंबर को किसानों के श्भारत बंदश् के आह्वान के पक्ष में मैदान में उतर आए हैं। वहीं, दूसरी ओर आंदोलन के समर्थन में पुरस्कार लौटाने का सिलसिला भी तेज हो गया है। इस लिस्ट में एक नाम मशहूल बाॅक्सर विजेंद्र सिंह का जुड़ गया है। वो अपना खेल रत्न लौटाने के लिए तैयार हो गए हैं।

हरियाणा के बॉक्सर विजेंदर सिंह नेकृषि कानून वापस नहीं लिए जाने पर अपना रुख साफ किया है। उन्होंने खेल रत्न अवॉर्ड वापस करने की चेतावनी दी है। मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने कहा है कि अगर सरकार काले कृषि कानून वापस नहीं लेती है, तो वह अपना खेल रत्न पुरस्कार वापस कर देंगे। आज यानी संडे को विजेंद्र सिंह सिंघु बॉर्डर में किसान आंदोलन में शामिल होने पहुंचे।

विजेंदर को 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा गया था। उन्होंने 2008 के बीजिंग ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा था। वे इन खेलों में पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज थे। विजेंदर बीजिंग ओलिंपिक्स में पदक जीतने वाले वे दूसरे भारतीय एथलीट थे। देश में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार खेल क्षेत्र का सबसे बड़ा पुरस्कार है।

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posted on : December 6, 2020 12:36 pm
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