प्रधान जी की ये चिट्ठी आपकी आंखें खोल देगी

नमस्कार मित्रों,

सभी की आरोग्यता की कामना करता हूंं। मित्रोंं आजकल बहुत से दोस्तों की शिकायत है कि मेरी लेखन गति बहुत धीमी हो गयी है। मैं कई मित्रों को समय पर उनके जन्मदिन, उनके किसी भी शुभ कार्य हेतु शुभकामनाएं नहींं भेज पा रहा हूंं, न ही विभिन्न विषयों पर लिख पा रहा हूंं। मित्रोंं उसका मुख्य कारण है कोरोना का संकट और दूसरा कारण एयरटेल के नेट की स्पीड।

कोरोना संकट के चलते आजकल मन मेंं बेचैनी और घबराहट सी है। इसलिए लिखने का मन नहींं होता है। यदि कोशिश की भी जाय तो कई बार महत्वपूर्ण बातों को लिखने के बाद नेट की धीमी स्पीड के कारण उन्हें साझा नही कर पाता हूंं। दूसरा आजकल गांव में मास्क, सेनेटाइजर, जनजागृति आदि में समय देता हूंं। 

सदैव एक चक्कर गांव में लोगोंं को घर-घर जाकर उन्हें मिलकर कोरोना संकट से उनके मन मेंं उपजे भय से उनके विभिन्न सवालों और अपनी तरफ से जागरूकता के बारे में बात करता हूंं। साथ ही सभी से सतर्क रहने की अपील करता हूंं। चूंकि हम पहाड़ी गांव के हैंं तो यहांं पर किसी भी स्वयंसेवी या राजनीतिक संगठन अथवा किसी दानी व्यक्ति की तरफ से अभी तक कोई सहायता नहींं मिली। सरकार की तरफ से भी लगभग एक-डेढ़ लीटर सेनेटाइजर छिड़काव हेतु मिला।

ऐसे समय मे हमे स्वयं ही सतर्क रहकर या स्वयं ही एक्टिव रहकर कोरोना के संकट से लड़ने के लिए स्वयं भी और लोगों को भी जागरूकता के साथ तैयार रहना होगा। एक प्रधान के रूप में मुझसे जितना भी बन पा रहा है, मेरी कोशिश है ऐसी संकट की घड़ी में मैं अपना श्रेष्ठ योगदान दे पाऊंं। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश कोरोना से लड़ रहा है। देशवासियों की सुरक्षा के लिए मेंं लॉकडाउन किया हुआ है, जिसको सफल बनाने हेतु एक छोटे से गांव से हमारी भी एक किंचित, लेकिन महत्वपूर्ण भागीदारी हो, इसलिए आजकल लगातार कोरोना संकट से लोगों को सतर्क रहने, लोगों को जागरूक रहने का आह्वान लोगोंं से मिलकर कर रहे हैं।

कई मित्रो द्वारा कहा जा रहा है कि प्रधान के खाते में पैसे आ गए हैंं…मैं उन्हें कहना चाहूंगा पहले पूर्ण जानकारी रख लो तब ऐसी बाते करो। कम से कम हमारे गांव में आज की तारीख तक कोई पैसा नहींं आया। कोरोना संकट से लड़ने के लिए कोई चाहे तो सूचना प्राप्त कर सकता है। दूसरा जो मास्क, सेनेटाइजर हमने गांव में बांटे वो प्रतापनगर प्रधान संघ के सहयोग से एक फर्म से उधार खरीद रखे हैं वो भी स्वयं की जिम्मेदारी पर। एक और बात जिस स्वास्थ्य विभाग के 10 हजार की बात कही जा रही है वो भी हमारे गांव को प्राप्त नहींं हुई है। क्योंकि हमारे गांव में स्वास्थ्य समिति का गठन नहींं है और न ही कोई आशा कार्यकर्ता है। इस विपदा की घड़ी में जिन सरकारी कर्मचारी को हमारे बीच मे होना चाहिए था वो भी गांव या क्षेत्र से नदारद हैंं। जो बेहद सोचनीय विषय है। जहांं जगह-जगह विभिन्न कर्मचारी बेहतरीन कार्य कर रहे हैंं। वही हमारे गांव से सरकारी मुलाजिम गायब हैंं। जरूर एक बार ग्राम विकास अधिकारी विनोद भट्ट और ANM मुक्ता पंवार गांव आये थे। बाकी न तो पटवारी गांव आये न ही ग्राम पंचायत विकास अधिकारी या फिर कई अन्य ज़िम्मेदार कर्मचारी, जिन्होंने अपना कार्य क्षेत्र लॉकडाउन से पहले से ही छोड़ रखा है।

एक जिम्मेदार कर्मचारी तो 2-3 महीनें से बिना बताए ही गायब है। सरकारी कर्मचारी के नाम पर गांव की सड़क में प्रत्येक दिन पुलिस की गाडियों की आवाजाही जरूर रहती है, जो लगातार अच्छा कार्य कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में एक अकेला प्रधान क्या कर सकता है? वो भी तब जब कि प्रधान के पास विधिवत रूप से अभी चार्ज नहींं मिल सका है। क्योंकि हम नए-नए निर्वाचित प्रधान है और जब हमारे पास अभी चार्ज तक हस्तांतरण नही हुआ और पूरे देश मे कोरोना नामक महासंकट है। इस स्थिति में हमने क्या और कितना खा लिया होगा ये आप स्वयं निर्णय कर लें।

…अरे भई पहले कोरोना के संकट से उभरने की बात तो करो। अपनी तरफ से कोई एक छोटा योगदान तो दो, तब लगा लेना प्रधानों द्वारा गबन करने के आरोप और यदि फिर भी मन नहींं मान रहा तो सूचना प्राप्त कर लो। किसने कितना खाया। मैं तो स्पष्ट कर लूं,  कि हमारी ग्राम पंचायत को न कोई 15 हजार मिले न ही कोई 10 हजार। हम स्वयं की तरफ से जितना हो रहा है सेवाभाव से कार्य कर रहे हैं। बाकी कुछ मित्रो की मुझसे नाराजगी है मैं पूर्व की भांति उन्हें न तो जन्मदिन शुभकामनाएं भेज पा रहा हूंं न ही किसी अन्य उपलब्धि पर शुभकामनाएं भेज पा रहा हूंं। उन सभी मित्रों से माफी के साथ यही कहूंगा कि आजकल कोरोना के संकट के चलते थोड़ा व्यस्त हूंं।

फिर भी मेरी कोशिश रहती है मैं हर किसी के सुख दुःख में अपनी शुभकामनाएं या संवेदना प्रकट कर सकूं पर एयरटेल के नेट की स्पीड कम होने से कई बार मुझ तक भी सूचनाएं या खबर नहींं मिल पाती है। कई बार 1-2 दिन बाद कई बातों का या घटनाओं का पता लग पाता है। आप सभी से माफी चाहूंगा। सभी की आरोग्यता की कामना के साथ कोरोना योद्धाओं को प्रणाम करता हूंं। आप सभी मित्र जहांं भी हो। सतर्क और सुरक्षित रहें। आप सभी का मार्गदर्शन, स्नेह मुझे मिलता रहे। आप सभी के सपरिवार स्वस्थ और कुशलता की कामना ईश्वर से करता हूंं।

…घर पर रहें, स्वस्थ रहेंं, कोरोना हारेगा, देश जीतेगा।

…चन्द्रशेखर पैन्यूली, प्रधान, लिखवार गांव।

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posted on : April 11, 2020 3:05 am
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