उत्तराखंड में चौंकाने वाला खुलासा : केवल 4 महीने में जारी हुए 23 हजार 324 मृत्यु प्रमाणपत्र, ये है पूरे साल का आंकड़ा

देहरादून : कोरोना के भयाबहता किसी से छुपी नहीं है। कोरोना के दौरान लोगों की मौतों का आंकड़ा सामने है, लेकिन वो आंकड़ा सरकारी है। उसे सही नहीं माना जा सकता। उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि कोरोना के दौरान अचानक से बैकलॉग मौतों का आंकड़ा अचानक से सामने आने लगे थे। अब एक और खुलासा सूचना के अधिकार में हुआ है। सूचना के अधिकार को आधार बनते हुए अमर उजाला में एक रिपोर्ट छपी है।

सूचना अधिकार के अनुसार उत्तराखंड में इस साल जनवरी से अप्रैल तक चार महीने में स्वास्थ्य विभाग ने 23,324 मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए हैं। जबकि बीते पूरे साल में 62,219 मृत्यु प्रमाणपत्र जारी हुए थे। आरटीआई में विभाग की ओर से दी गई सूचना में इसका खुलासा हुआ है। प्रदेश में कोविड काल में अब तक 7356 कोरोना मरीजों की मौत का सरकारी आंकड़ा है।

मॉडल कालोनी आराधर निवासी राकेश बड़थ्वाल ने सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत स्वास्थ्य विभाग से 2020 से अप्रैल 2021 तक मृत्यु प्रमाणपत्र की सूचना मांगी थी। विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार जनवरी 2020 से अप्रैल 2021 तक प्रदेश में 85543 मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं।

जिसमें बीते वर्ष जनवरी से दिसंबर तक 62219 मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए गए। इसमें पुरुष 36865 व महिलाएं 25354 हैं। जबकि इस साल जनवरी से अप्रैल तक 23324 को मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए गए। इसमें पुरुष 13807 व महिला 9517 हैं।

प्रदेश में 15 मार्च को कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। अब तक 7356 कोरोना मरीजों की मौत हुई है। जबकि मृत्यु प्रमाणपत्र इससे कई गुणा अधिक जारी हुए हैं। इससे स्पष्ट है कि कोरोना संक्रमण की तुलना में अन्य बीमारियों से मौतें अधिक हुई है।

आठ प्रतिशत मौत में ही मृत्यु का कारण
केंद्र सरकार के सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम की ओर से वर्ष 2019 की जारी रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में मृत्यु प्रमाणपत्र पंजीकरण में मात्र आठ प्रतिशत मौत में ही मृत्यु का कारण बताया जा रहा है जबकि 92 प्रतिशत मृत्यु प्रमाणपत्र में मौत का कारण नहीं दिया जा रहा है।

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posted on : July 20, 2021 12:14 pm
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