नैनीताल: नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण के खिलाफ चल रही जांच को ही समाप्त कर दिया है। इससे दीपक को बड़ी राहत मिली है। साथ ही उन पर लगे आरोप पूरी तरह से गलत साबित हुए हैं। दीपक बिजल्वाण भी लगातार इसी बात पर डटे रहे कि जांच और न्यायालय के फैसले के साथ सब साफ हो जाएगा।
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मामले के न्यायालय में होने के बाद भी उनके विरोधी मीडिया में बयानबाजी करते रहे। न्यायालय के फैसलों पर सवाल खड़े किए गए। इससे एक बात तो साफ है कि व्यक्तिगत लाभ के लिए आरोप लगाए गए थे। पूरे मामले में एक जिला पंचायत सदस्य को आगे कर दिया गया, जबकि उनके पीछे कुछ और लोग भी पर्दे के पीछे खड़े थे।
सोशल मीडिया में भी दीपक को लगातार भ्रष्टाचारी घोषित करने का प्रयास किया जाता रहा। बावजदू दीपक ने किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने हर बार यही कहा कि जांच के बाद सब साफ हो जाएगा। हाईकोर्ट के फैसले के बाद साफ है कि दीपक बिजलवाण ने किसी तरह को कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है।
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लेकिन, सवाल यह है कि उन पर अंगुली उठाने वालों ने किसी वजह से ऐसा किया और सरकार को भी गुमराह करने का प्रयास किया गया। जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने कहा था कि उनको मुख्यमंत्री और सरकार पर पूरा भरोसा है। सरकार जो भी जांच कराएगी, उससे उनको कोई आपत्ति नहीं हैं।
अब लोग यह भी कह रहे हैं कि जांच दीपक की लोकप्रियता और उनके काम करने के तरीके को लेकर की गई है। दीपक जिबलवाण ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के बाद से ही लगातार जिले के लगभग सभी गांवों में कुछ ना कुछ काम कराए। लोगों की मदद भी की। यह बात विरोधियों को पसंद नहीं आई। सोशल मीडिया में कई दूसरी तरह चर्चाएं भी हो रही हैं।