उत्तराखंड : मजदूरों को टनल से बाहर निकालने में और कितना वक्त, देहरादून से मंगाए गए ह्यूम पाइप

उत्तरकाशी : सिलक्यारा-बड़कोट टनल के भीतर एक-एक सांस के लिए संघर्ष कर रहे मजदूरों को फिलहाल बाहर नहीं निकाला जा सका है। रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है। लेकिन, बार-बार मलवा गिरने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल जो स्थिति है उसके अनुसार यह बताया जा रहा है कि मजदूर भीतर सुरक्षित हैं।

लेकिन, अब तक यह साफ नहीं है कि कितने मजदूर सुरक्षित हैं। हालांकि मजदूरों के लिए लगातार खाना भी पहुंचाया जा रहा है। वहीं, अब मजदूरों को बाहर निकलने के दूसरे विकल्प पर भी काम शुरू हो गया है। उसके लिए देहरादून से ह्यूम पाइप मंगवाए गए है। ह्यूम पाइप को भीतर डाला जाएगा और उन्हीं के जरिए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकला जाएगा। जानकारी है कि टनल में बार-बार भूस्खलन हो रहा है। ऐसे में पाइपों के जरिए ही मजदूरों को बाहर निकालने का सुरक्षित विकल्प है।

इस बीच सचिव आपदा प्रबंधन डॉक्टर रंजीत सिंन्हा ने सिलक्यारा टनल का निरीक्षण कर राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन, NHDCIL और बचाव अभियान में जुटे संगठनों के अधिकारियों और टनल व रेस्क्यू विशेषज्ञों के साथ बैठक कर अभियान की समीक्षा की और अगली रणनीति पर विचार विमर्श किया।

सचिव आपदा प्रबंधन ने बचाव अभियान के तकनीकी पहलुओं की बारीकी से समीक्षा कर रेस्क्यू अभियान को लेकर अधिकारियों को जरूरी हिदायतें जारी की। उन्होंने कहा कि अभियान को कामयाबी के साथ यथाशीघ्र अंजाम तक पहुंचाने के लिए विशेषज्ञों के तकनीकी परामर्श और दक्षता पर तत्परता से अमल किया जाय।

सचिव ने कहा कि शासन स्तर से रेस्क्यू अभियान के लिए आवश्यक संसाधनों की तत्परता से व्यवस्था करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सुरंग के अंदर जमा मलवे में बड़े व्यास के पाइप डालकर वहां फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के दूसरे विकल्प पर भी अमल शुरू हो गया है।

जिसके लिए देहरादून से होगर मशीन और लगभग ढाई फीट व्यास के पाइप घटना स्थल के लिए रवाना कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि फंसे मजदूरों को बाहर निकालना शासन की पहली प्राथमिकता है और अभियान को इसी पर पूरी तरह फोकस किया गया है।

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posted on : November 13, 2023 6:28 pm
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