गुलाबी कांठा : पर्यटन के नक्शे से गायब है बेहद खूबसूरत बुग्याल, हवाई दावों की हकीकत

  • गुलाबी कांठा बुग्याल अपने मे बेहद खूबसूरती समेटे हुए है।

  • मखमली घास के मैदान व स्नो स्कीइंग के लायक ढलान बहुत ही रमणीय है।

जय प्रकाश बहुगुणा
बड़कोट : उत्तराखण्ड सरकार यूं तो पर्यटन सर्किट बनाकर नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने की कई योजनाएं संचालित करने की बात करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। यहां कुछ पर्यटन स्थल ऐसे हैं जहाँ तक सरकारी योजनाएं लागू नहीं हो पाई है। ऐसा ही एक साहसिक पर्यटन स्थल है गुलाबी कांठा। उत्तरकाशी जिले के बड़कोट तहसील अंतर्गत हनुमानचट्टी से लगभग बारह किलोमीटर पर स्थित गुलाबी कांठा बुग्याल अपने मे बेहद खूबसूरती समेटे हुए है।

 

यहां पर विशाल क्षेत्र में फैले खूबसूरत मखमली घास के मैदान व स्नो स्कीइंग के लायक ढलान बहुत ही रमणीय है। प्रति वर्ष यहाँ देश विदेश के हजारों पर्यटक इसकी खूबसूरती को निहारने यहां आते हैं।लेकिन प्रशासनिक उपेक्षाओं के चलते इस साहसिक पर्यटन स्थल को विकसित होने में सफलता नहीं मिल पाई है।यहां आने के लिए न तो पैदल मार्ग ही सही है और न ही यहां हनुमान चट्टी के बाद पैदल रास्ते में कहीं ठहरने की उचित ब्यवस्था है। निसनी व वाडिया के ग्रामीणों द्वारा अपने स्तर से जरूर होम स्टे की ब्यवस्था की गई है लेकिन सरकारी ब्यवस्था के नाम पर यहां शून्य है।

 

गुलाबी कांठा बुग्याल

गुलाबी कांठा एडवेंचर की मुखिया मीरा रावत का कहना है कि यदि सरकार यहां पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवा दे तो यहां सर्दियों में स्नो स्कीइंग आसानी से की जा सकती है।मीरा रावत का कहना है कि पिछले वर्ष यहां पर सात दिवसीय स्कीइंग प्रशिक्षण का आयोजन भी किया गया। लेकिन, कई बार सरकार से यहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग करने के बावजूद यहां की उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि गुलाबी कांठा को एक साहसिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाता है तो क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही सरकार की आमदनी में भी इजाफा होगा।

 

यहां विगत कई वर्षों से लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी मसूरी सहित कई ग्रुप ट्रेकिंग को आ रहे हैं लेकिन मूलभूत सुविधाएं न होने के कारण उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस वर्ष भी अकादमी के ग्रुप यहाँ ट्रेकिंग को आया है। मीरा रावत ने कहा कि यदि सरकारी स्तर पर यहां सुविधाएं मुहैया कराई जाती है तो गुलाबी कांठा अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकता है।

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posted on : November 13, 2020 4:45 am
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