देहरादून : देवस्थानम बोर्ड पर मनोहर कांत ध्यान समिति और फिर कैबिनेट की उप समिति में अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दी है। माना जा रहा है रिपोर्ट में देवस्थानम बोर्ड को समाप्त करने की सिफारिश की गई है।
हालांकि, इस पर किसी का अधिकारिक बयान फिलहाल सामने नहीं आया है। लेकिन कहा जा रहा है कि सरकार आज देवस्थानम बोर्ड को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर गठित उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दी है।
उपसमिति में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और स्वामी यतीश्वरानंद को सदस्य बनाया। उपसमिति ने भी अब अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। आज यानी 30 नवंबर को रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री का निर्णय ले सकते हैं।उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार रिपोर्ट के आधार पर देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग कर सकती है।
मंत्रिमंडलीय उपसमिति के सदस्य स्वामी यतीश्वरानंद से जब देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की रिपोर्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इतना ही कहा कि सब अच्छा होगा। इससे ज्यादा उन्होंने भी कोई संकेत नहीं दिए।
कांग्रेस सरकार बनने पर उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग करने का एलान कर चुकी है। कांग्रेस के इस एलान से सत्तारुढ़ भाजपा सियासी दबाव में है। विधान सभा चुनाव से ठीक पहले वह पार्टी की विचारधारा से मेल खाने वाले पुजारियों व साधु-संत समाज को नाराज भी नहीं करना चाहती है।
हालांकि सरकार में बैठे कई लोग चारों धामों की बेहतर व्यवस्था के लिए देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को सही मानते हैं। लेकिन, कृषि कानून की तरह सरकार सियासी मोर्चे पर देवस्थानम बोर्ड पर भी दबाव में है।