NAINITAL : पिछले 3 दिनों तक लगातार हुई बारिश ने गढ़वाल से कुमाऊं तक तबाही मचाई। खासकर 19 अक्टूबर को कुमाऊं में भारी बारिश ने ऐसी तबाही मचाई कि हर तरफ हाहाकार मचा रहा। अकेले नैनीताल जिले में बादलों में ऐसा कहर बरपाया कि देखते ही देखते एक ही दिन में 29 लोगों की मौत हो गई। प्रदेशभर की बात करें तो अब तक 48 लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है।
बारिश के कारण भूस्खलन, मकान ढहने, पानी में करंट लगने से 42 लोगों की मौत हो गई, जबकि कुछ लोग लापता हैं। नैनीताल में 29, अल्मोड़ा में 6, चंपावत में 4, पिथौरागढ़, बागेश्वर और ऊधमसिंह नगर में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। आधिकारिक आंकड़ों में मृतकों की संख्या हालांकि 35 बताई गई है।
प्रदेश में दो दिनों की बारिश से आई आपदा में मृतकों की कुल संख्या 48 पहुंच गई है। इधर, गढ़वाल में तीन मौतों की सूचना थी। गढ़वाल में मौसम साफ होने से बंद मार्गों को खोलकर चारधाम यात्रियों और अन्य फंसे लोगों को निकालने का काम दिन भर चलता रहा।
नैनीताल जिले में सबसे अधिक 29 लोगों की मौत हुई है। इनमें तोषापानी (धारी तहसील) में पांच, चौकुटा में छह, सकूना (रामगढ़) में नौ, कैंची में दो, बोहराकोट (रामगढ़) में दो, क्वारब में दो और रामगढ़ में एक और नैनीताल में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार शाम रुद्रपुर क्षेत्र में जलभराव से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावितों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया। कहा कि प्रदेश में बड़ी आपदा आई है, जिसमें जनहानि के साथ ही पशु हानि भी हुई है। आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।