उत्तराखंड : यहां फंसे हैं 700 से अधिक पर्यटक, रेस्क्यू का प्रयास जारी

नैनीताल: 18, 19 और 20 अक्टूबर की मूसलधार बारिश ने जो तबाही मचाई। उससे मिले जख्मों को भरना बहुत मुश्किल काम है। सड़कों को तो ठीक कर दिया जाएगा। अन्य तरह का जो नुकसान हुआ। उसकी भरपाई भी कर ली जाएगी, लेकिन इस भीषण आपदा में जिन लोगों ने अपनों को खाया है, उनक जख्म शायद भी भर पाएंगे। आपदा कितनी भयानक थी, उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई जगहों पर यह पता कर पाना भी कठिन हो रहा है कि उन जगहों पर कभी सड़क भी रही होगी।

अब भी कई रास्त बंद हैं। कई रास्ते भले ही खुल भी चुके हैं। लेकिन, कुमाऊं मंडल में अब भी 700 से ज्यादा पर्यटक अलग-अलग कारणों से विभिन्न जगहां पर फंसे हुए हैं। इनमें कुछ विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। नैनीताल जिले में अब भी 165 से ज्यादा पर्यटक फंसे जिला पुलिस ने बृहस्पतिवार को ऐसे 40 पर्यटकों को बाहर निकाला। कुछ पर्यटकों की गाड़ी का तेल खत्म हो गया था। कुछ पर्यटक पैदल ही निकलने की कोशिश कर रहे हैं।

तीन दिन तक हुई मूसलाधार बारिश से जिले में अलग-अलग जगह पर्यटक फंस गए थे। हालांकि पुलिस और प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य कर कई जगह से पर्यटकों को निकाल लिया। बुधवार और बृहस्पतिवार को मौसम साफ होने और कई मार्गों के खुल जाने से पर्यटकों को निकालने का काम शुरू हुआ।

पुलिस के अनुसार रामगढ़ में फंसे लोगों को भी पुलिस लगातार निकाल रही है। बीमार लोगों का इलाज भी चल रहा है। जानकारी के अनुसार चार विदेशी भी फंसे हुए हैं। वे अपने देश जाना चाहते हैं। बागेश्वर जिले में करीब 400 से ज्यादा पर्यटक अब भी फंसे हुए हैं।

रानीकोटा-देवीपुरा सौड़ मोटर मार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने से कोटाबाग ब्लॉक के 14 ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों का संपर्क कोटाबाग और नैनीताल से कट गया है। काश्तकारों की फसलें आपदा में नष्ट हो चुकी हैं। बांसी के बुरासी नाले में बना पुल टूटने की कगार पर है।

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posted on : October 22, 2021 10:46 am
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