उत्तराखंड : जली रोटी, आलू और कच्चे पराठों ने कोरोना योद्धाओं का पेट खराब कर दिया है…

हल्द्वानी : सोशल मीडिया में वायरल एक तस्वीर सुर्खियां बन रही है। ये कोई मामूली तस्वीर नहीं है…। सरकार के दावों और हकीकत को बयां करने वाली तस्वीर है। इस तस्वीर ने साबित कर दिया है कि बहुत कुछ ठीक भी है, लेकिन बहुत कुछ बहुत बुरा भी है। कोविड-19 यानी कोरोना। ऐसी महामारी, जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। स्वास्थ्यकर्मी दिन-रात कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के इलाज में जुटे हैं। उनके साथ सफाईकर्मी (पर्यावरण मित्र) दिन-रात काम कर रहे हंै। कई ऐसे हैं, जो महीनों से अपने घर तक नहीं गए। ये तस्वीर भी इन्हीं कोरोना योद्धाओं से जुड़ी है…। तस्वीर और पोस्ट का सच आपको चैंका देगा…। हैरान कर देगा…।

दो वक्त का खाना भी ठीक से नसीब नहीं
सरकारी अस्पतालों में कोरोना योद्धाओं को दो वक्त का खाना भी ठीक से नसीब नहीं हो रहा है। सोशल मीडिया में जो पोस्ट और तस्वीर जारी हुई है…वो सरकार के दावों की पोल खोल रही है। पोस्ट में कहा गया है कि ड्यूटी से आने के बाद जली हुई रोटी, आलू की सब्जी और मोटा चावल खाने को मिल रहा है…। हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती मरीज और सरकारी क्वारंटीन सेंटर में लोगों को शानदार खाना मुहैया कराया जा रहा है…। सवाल ये है कि जब क्वारंटीन लोगों और मरीजों को अच्छा खाना दिया जा सकता है, तो कोरोना योद्धाओं को अच्छा खाना क्यों नहीं दिया जा रहा है ?

वायरल पोस्ट में लिखा गया है कि…
अस्पताल में नर्स से लेकर वार्ड ब्वाय, वार्ड आया और पर्यावरण मित्रा तक कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज में योगदान दे रहे हैं। सभी लोग रोजाना वार्ड में ड्यूटी करने के बाद होटल में क्वारंटीन हो जाते हैं। मेडिकल कॉलेज की ओर से खाना उपलब्ध कराया जा रहा है…। सोशल मीडिया में वायरल पोस्ट में लिखा गया है कि…पता नहीं किस कैंटीन वाले को खाना बनाने का ठेका दिया है। सुबह, दोपहर और शाम को आलू और कच्चे पराठे खिला-खिलाकर कोरोना में ड्यूटी करने वालों का पेट खराब कर दिया है…। कैंटीन वाले के पास आलू और कंट्रोल के चावल के अलावा कुछ नहीं है क्या? जब देखो तब तीनों टाइम आलू भेजते हो।

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posted on : July 16, 2020 8:29 am
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