उत्तराखंड : पुलिस ने किया दो बड़े राष्ट्रीय घोटालों का खुलासा, देशभर में 6100 शिकायतें और 280 FIR दर्ज

देहरादून : उत्तराखंड पुलिस ने हेलीकॉप्टर सेवा की फर्जी वेबसाइट और बीमा पॉलिसी से जुड़े दो बड़े राष्ट्रीय घोटालों का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इन घोटालों के खुलासे के लिए एक टीम का गठन किया था।  जांच टीम ने गहन जांच के बाद मामले का खुलासा किया है।

राष्ट्रीय बीमा घोटाले का खेल पिछले 6-7 वर्षों से गाजियाबाद, नोएडा से चल रहा था। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने पिछले महीने दिल्ली से 1 मास्टरमाइंड अजीत राठी को गिरफ्तार किया था, जो दिल्ली NCR से पिछले 6-7 साल से ऑल इंडिया इंश्योरेंस धोखाधड़ी चला रहा था। धोखाधड़ी में 42 लाख गंवाने वाले एक वरिष्ठ नागरिक ने FIR दर्ज कराई थी। मामले केव जांच इंस्पेक्टर त्रिभुवन रौतेला कर रहे थे। इस मामले में 6 मोबाइल, 6 सिम कार्ड, 47000 रुपये नकद, 2 अलग-अलग पीड़ित विवरण के साथ रजिस्टर भी बरामद किया गया है।

गैंग लीडर 07 मोबाइल नंबर और 12 अलग-अलग IMEIs का इस्तेमाल कर रहा था। लगभग 1400 शिकायतें और 72 FIRs (तेलंगाना – 32, यूपी -13, तमिल नाडू -7, दिल्ली – 5, हरियाणा 4 और 24 अन्य राज्यों / UTs में FIRs). गैंग पूरे भारत में बीमा पॉलिसी इमी, प्रीमियम, मनी रिकवरी आदि के नाम पर लोगों को ठगने में शामिल है। टीम जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है।

वहीं, I4C (MHA) के सहयोग से STF ने फर्जी हेलीकाप्टर बुकिंग कराने वाली 41 वेबसाइटों को ब्लॉक किया है।  साइबर क्राइम थाना देहरादून (STF) ने इस साल नवादा/नालंदा (बिहार) से 03 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साइबर PS के SI आशीष गुसाईं ने FIR दर्ज कराई थी। जिसकी जांच इंस्पेक्टर देवेन्द्र नबियाल कर रहे थे।  मामले में 3 आरोपियों की गिरफ्तारी से पहले 30 अलग-अलग शिकायतों का तकनीकी विश्लेषण किया गया। 15 मोबाइल, 09 सिम कार्ड, 09 एटीएम, 01 POS/ATM मशीन, 06 आधार (गिरफ्तार किए गए निरज के पास 04 आधार कार्ड), 03 पासबुक, 01 टैबलेट बरामद किये गए।
मुक्य आरोपी नीरज कुमार का आपराधिक इतिहास है जहां 2021 में वह जयपुर में जेल गया था।

प्रारंभिक जांच में गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ लगभग 6100 शिकायतें और 280 FIRs (उत्तराखंड-05, यूपी-56, तेलंगाना-112, दिल्ली-18, गुजरात-11, तमिलनाडु-15, हरियाणा-09, बिहार-08, कर्नाटक-08, महाराष्ट्र-07 और अन्य सभी भारत राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में दर्ज की गई थी।  पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड द्वारा संबंधित सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को पत्र लिखकर अभियुक्तों के विरूद्ध और कड़ी कार्यवाही करने हेतु भी अनुरोध किया जा रहा है। यह गैंग अलग-अलग साइबर अपराधों में शामिल है- फर्जी वेबसाइट, फर्जी लोन साइट, फर्जी फाइनेंस कंपनियां, सेक्सटोर्शन आदि।

टीम जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है। इन घोटालों का पर्दाफाश करने के साथ ही उत्तराखंड पुलिस महिला और बाल सुरक्षा को लेकर भी प्रतिबद्ध है। माननीय प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करते हुए, (स्मार्ट पुलिसिंग- SMART Policing), उत्तराखंड पुलिस अपने ऐप के माध्यम से गौर शक्ति सुविधा प्रदान कर रही है जहां 1.2 लाख से अधिक महिलाओं ने अपना पंजीकरण कराया है।

DGP आशुक कुमार ने कहा कि साइबर क्राइम प्रवर्तन के साथ-साथ हम क्षमता निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित (Capacity Building) कर रहे हैं। और हमारे पास इस तरह के डिजिटल अपराधों के लिए (Zero Tolerance) है जहां हमारी टीमें पूरे भारत में उन्हें पकड़ने और विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय Linkages के साथ उन्हें उजागर करने के लिए समर्पित हैं। बीमा और नकली हेलीकॉप्टर वेबसाइट घोटाला वर्कआउट दोनों ऐसे संगठित अपराधियों को कड़ा संदेश भेजने के लिए एक प्रमुख उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के निर्देशो के क्रम में प्रदेश के निवासियों को साइबर अपराधियों द्वारा जनता से ठगी करने वालो पर सख्त कार्यवाही कर पुलिस महानिदेशक द्वारा एसटीएफ व साइबर पुलिस को प्रभावी कार्यवाही हेतु दिशा निर्देश दिये गये है । इस प्रक्रिया में उत्तराखंड साइबर विंग वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, STF की पर्यवेक्षण में काम कर रहा है।

अपने कार्यकाल के दौरान संगठित साइबर अपराध पर अंकुश लगाने और राष्ट्रीय घोटालों को उजागर करने पर जोर दिया गया है। इसी जोश के साथ उत्तराखंड एसटीएफ (साइबर थाना देहरूदुन) ने हाल ही में दो राष्ट्रीय घोटालों- बीमा धोखाधड़ी और फर्जी हेलीकॉप्टर वेबसाइट घोटाला का पर्दाफाश किया है। पुलिस महानिदेशक ने राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे अपराधियों का पर्दाफाश करने पर जोर दिया है और समर्पित टीम को गिरफ्तार अपराधियों के कुछ प्रारंभिक लिकेज मिले हैं जिन्हें हम केस वार साझा कर रहे हैं।

साइबर टिपलाइन बाल यौन शोषण के मामलों के लिए एक रिपोर्टिंग तंत्र है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक रूप में बच्चों को यौन कृत्य या आचरण में चित्रित करने वाली सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना शामिल है। बाल यौन शोषण सामग्री (CSAM पर साइबर टिपलाइन रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए अप्रैल 2019 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB), भारत और नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रेन (NCMEC), USA के बीच एक समझौता (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए थे। भारत से संबंधित, जानकारी साझा करने के साथ-साथ ऐसे अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए। इससे प्राप्त करने के बाद NCRB राज्य पुलिस अधिकारियों को सूचना भेजती है।

STF के तहत साइबर क्राइम थाना चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित सभी शिकायतों को स्कैन करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। इस प्रक्रिया में उत्तराखंड पुलिस ने 113 एफआईआर दर्ज किया है। जहां इस साल खुद 49 से ज्यादा FIRs दर्ज हुए और 38 शिकायतों पर जल्द ही अलग-अलग जिलों में FIR होगी। कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी कानून (IT act section- 67B) : यह गैर-जमानती अपराध है। उत्तराखंड पुलिस प्रवर्तन (केस पंजीकरण, गिरफ्तारी) और शिक्षा (साइबर, यातायात, नशीली दवाओं, महिलाओं / बच्चों से संबंधित मुद्दों पर जागरूकता) के लिए प्रतिबद्ध है

इसी तरह, प्रवर्तन के दृष्टिकोण से, उत्तराखंड पुलिस सक्रिय रूप से ऐसे मामले दर्ज कर रही है जहां टिपलाइन के तहत दर्ज 113 प्राथमिकी पुलिस द्वारा ही की जाती है। पीड़ित उन्मुख पुलिसिंग (Vicitm Oriented Policing) के लिए 906 जीरो एफआईआर और 472 eFIR साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज।

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posted on : July 18, 2023 12:53 pm
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