उत्तराखंड: चुनावी रंग, पति-पत्नी ही नहीं, देवर-भाभी के बीच भी मुकाबला

देहरादून : इस चुनाव में पति-पत्नी के बीच चुनावी मुकाबले की खबरें भी अपने पढ़ी होंगी। लेकिन, यहां कई रंग हैं। परिवार में जहां बेटा भाजपा के लिए वोट मांग रहा है, तो पिता कांग्रेस के साथ हैं। प्रमुख पति जहां कांग्रेस के लिए वोट मांग रहे हैं। वहीं, प्रमुख पत्नी भाजपा के लिए चुनाव में घर-घर जाकर समर्थन मांग रही हैं। कुल मिलाकर चुनाव में कई दिलचस्प किस्से और चुनावी रंग देखने को मिल रहे हैं। यही लोकतंत्र की खूबसरती भी है।

ऐसा ही एक रोचक मुकाबला हरिद्वार जिले में भी देखने को मिल रहा है। यह मुकाबला देवर-भाभी के बीच है। यहां देवर-भाभी एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। जनपद की 11 सीटों में एक भगवानपुर सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। इस सीट पर 2007 में BSP से सुरेंद्र राकेश विधायक चुने गए थे। 2012 में भी वह BSP से चुनाव जीतकर कांग्रेस सरकार में मंत्री बने थे। 2015 में उनका निधन होने के बाद उनकी पत्नी ममता राकेश कांग्रेस से उपचुनाव लड़कर चुनाव जीती थी। 2017 में सुबोध राकेश BJP और ममता राकेश कांग्रेस से आमने-सामने आ गए थे।

भाभी ने देवर को पटखनी देकर दूसरी बार विधायक बनने में सफलता हासिल की। इस बार भी ममता और उनके देवर सुबोध के बीच युद्ध हो रहा है। भाभी ममता राकेश कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। देवर सुबोध राकेश BSP के से चुनाव मैदान में हैं। यहां BJP भी मजबूत दावेदारी पेश कर रही है। ममता और सुबोध राकेश के खानदान के ही मास्टर सत्यपाल को टिकट दिया है। ऐसे में भगवानपुर विधानसभा चुनाव में तीनों प्रमुख दलों से एक ही कुनबे के प्रत्याशी चुनावी दंगल में हैं।

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