देहरादून : उत्तराखंड और देश के कुछ हिस्से में लॉक डाउन की स्थितियों के बाद पहाड़ का वह तबका दो तरफा संकट में है। जिसने पेट या मजबूरी से पलायन किया है. ऐसे समय में उनके पास अपने घर वापसी के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। ओ अपनेे आखिरी विकल्प गांव की ओर लौट रहे हैं। टिहरी जिले के नरेंद्र नगर सीओ प्रमोद शाह ने अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। ये समय सावधानी और संयम का है।
बड़ी संख्या में 22 मार्च से लोगों का अपने घर वापसी का क्रम जारी है . मगर अपने घर में ही बहुत बड़ा वर्ग उन्हें संदेह की नजर से देख रहा है। यह पुलिस चौकी भद्रकाली का दृश्य है जो देवप्रयाग का मार्ग बंद होने के बाद टिहरी, पौड़ी की अलकनंदा घाटी ,रुद्रप्रयाग और जनपद चमोली में प्रवेश का एकमात्र प्रवेश द्वार हो गया है .
जहां पहाड़ को जाने वाले वाहनों के नंबर सवारियों की संख्या लिखे जाने के साथ ही सवारियों का प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है . आज प्रातः से 280 छोटे-बड़े वाहन में 980 यात्री पर्वतीय क्षेत्र के लिए रवाना हुए हैं जिनमें सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया 450 यात्रियों का गहराई से परीक्षण किया गया जिसमें मात्र एक व्यक्ति को 100 डिग्री बुखार पाया गया पूछताछ करने पर वह उपचाराधीन थे . उपचार के पत्र देखकर ही उन्हें रवाना किया गया. हमारे लिए यह राहत की बात है कि हमारे राज्य के मूलनिवासी जो इस वक्त अपने घर आ रहे हैं का स्वास्थ्य अच्छा है हमें अफवाहों को बल न देकर उनका सहयोग करना है.
लॉक डाउन का बिना किसी कारण से उल्लंघन करने पर 30 व्यक्तियों का पुलिस अधिनियम में चालान किया गया और 150 से अधिक वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई भी की गई. कार्रवाई मजबूरी बन रही है. किसी प्रकार के सहयोग के लिए आप 104 /112 राज्य नियंत्रण कक्ष 0135-2609500 पर संपर्क कर सकते हैं .हम तत्पर हैं.