प्रदीप भट्ट ने उठाया ये बड़ा मुद्दा, प्रदेशभर से उठने लगी मांग

उत्तरकाशी : जिला पंचायत सदस्य संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट ने उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम-2016 में संशोधन की मांग की है। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया है कि पंचायतीराज अधिनियम 2016 की धारा-30 प्रधान, धारा-69 क्षेत्र पंचायत और धारा-107 में जिला पंचायतों को लोक सेवक माना गया है।

उन्होंने कहा कि सांसदों  और विधायकों भी पंचायत प्रतिनिधियों की भांति लोक सेवक हैं किंतु सुविधाओं और वेतन के मामले में जमीन और आसमान का अंतर है। भट्ट ने कहा कि इस तरह का अंतर ठीक नहीं है, जबकि दोनों ही लोग सेवक हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान को 1500 मासिक, उप प्रधान को ₹500 मासिक, जिला पंचायत अध्यक्ष को 10,000 मासिक, जिला पंचायत उपाध्यक्ष को 5000, जिला पंचायत सदस्य को ₹1000 प्रति बैठक, ब्लॉक प्रमुख को 6000 मासिक, उप प्रमुख को पंद्रह सौ मासिक और क्षेत्र पंचायत सदस्य को प्रति बैठक मैं ₹500 मानदेय के रूप में दिया जाता है, जबकि सांसद और विधायकों को लाखों रुपए वेतन भत्ते दिए जाते हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार या तो पंचायत प्रतिनिधियों को सांसदों और विधायकों के जैसे ही वेतन-भत्ते प्रदान करे। अन्यथा पंचायती राज अधिनियम में संशोधन कर पंचायत प्रतिनिधियों को अपना व्यवसाय करने के लिए आवश्यक कानूनी प्राविधान करे। उन्होंने राज्य के विधायकों एवं सांसदों से भी पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग की अपील की।

 

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posted on : August 24, 2020 3:42 pm
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