देहरादून: सरकार की सोच को सही मान भी लें, लेकिन जो हकीकत है। उसे कैसे झूठला सकते हैं। सरकार का फरमान है कि सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन के जरिए पढ़ाई होगी। लेकिन, सवाल यह है कि ये संभव कैसे होगा ?
पहाड़ के कई इलाके ऐसे हैं, जहां नेटवर्क ही नहीं आता। प्रदेश में करीब 50 से 55 प्रतिशत बच्चे और अभिभावक ऐसे हैं, जिनके पास स्मार्टफोन तक नहीं है, फिर सरकार इस योजना को धरातल पर कैसे उतारेगी ? इन सवालों के जवा खोजे बगैर सरकार स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई के बारे में सोचाना थोड़ा बेमानी होगी।
उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 50 फीसद बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं है। जिन 50 फीसदी बच्चों के पास स्मार्टफोन हैं, उनमें से कई के पास इंटरनेट की उपलब्धता नहीं है। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई कैसे संभव हो पाएगी। अगर ऑनलाइन पढ़ाई प्रदेश में पढ़ने वाले आधे से भी कम बच्चों तक ही पहुंच पाएगी, ऐसे में उनका क्या होगा, जो इससे वंचित रह जाएंगे ?