उत्तराखंड के PCS अधिकारियों को कौन नहीं बनने देना चाहते IAS, पढ़ें पूरी खबर

देहरादून: उत्तराखंड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जब अपने ही अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी न्याय नहीं दे पा रही है, तो औरों का क्या होगा। उन्होंने मीडिया पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार दिल्ली और मुंबई के अखबारों में पहले पेज पर एक-एक पेज के विज्ञापन छापवा रही है। ।

उन्होंने कहा कि पुष्कर सिंह धामी की भाजपा नित सरकार है, यह डबल इंजन नहीं, एक डमी इंजन सरकार है, जिसके अपने बूते कुछ करना नहीं है। इसका एक उदाहरण यह है कि प्रथम बैच के पीसीएस अधिकारियों को आईएएस संवर्ग में प्रोन्नत करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार के बाहरी अधिकारियों के कारण इन पीसीएस अधिकारियों को आईएएस संवर्ग ने प्रमोशन नहीं दिया जा रहा है।

यह गजब बात है कि उत्तराखंड राज्य में ही उत्तराखंड राज्य के ही मूल निवासियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। चंद अधिकारी इस राज्य को अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं और वह नहीं चाहते कि इस राज्य के मूल निवासी आईएएस संवर्ग पर पदोन्नत होकर राज्य को चलाने में अपना सहयोग दें। भविष्य में राज्य के नीति निर्धारक पदों जैसे मुख्य सचिव के पद तक पहुंच पायें। इसलिए यह चंद बाहर के अधिकारी भाजपा सरकार की छीछालेदर करा रहे हैं।

प्रथम बैच के इन पीसीएस अधिकारियों ने राज्य की भाजपा सरकार के खिलाफ कंटेंप्ट पिटिशन सुप्रीम कोर्ट में लगाई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि याचिका संख्या 1606 में दिए गए आदेशों का पालन राज्य सरकार ने अभी तक नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि प्रथम पीसीएस बैच ने 2012 में ही आईएएस संवर्ग में प्रमोट होने की अहर्ता प्राप्त कर ली थी, लेकिन उत्तराखण्ड के बाहर के कुछ आईएएस अधिकारियों को यह नहीं पचा और उन्होंने नेताओं को प्रमोशन नहीं करने दिया। मजबूरन पीसीएस अधिकारियों को हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट की शरण लेनी पड़ी।

मगर फिर भी इन अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया और आज सरकार के ही अधिकारी, सरकार के खिलाफ कंटेम्प्ट पिटिशन लगा चुके हैं। यह भाजपा सरकार को आइना दिखाता है। जिस राज्य में पीसीएस अधिकारियों को ही न्याय के लिए कोर्ट की शरण लेनी पड़ रही हो। वहां आम आदमी के काम की क्या हालत होगी? इसलिए भाजपा को दिल्ली जैसे राज्य के अखबारों में एक एक पेज के फ्रंट पेज के विज्ञापन देने पड़ रहे हैं। यह समझने की जरूरत है कि प्रदेश की इतनी महत्वपूर्ण खबर क्यों नहीं छप रही है।

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posted on : September 16, 2021 3:43 pm
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