उत्तराखंड : बारिश में भी चीर रहे नदी का सीना, कोटद्वार में BJP सरकार करा रही अवैध खनन!

कोटद्वार: बरसात में राज्य की नदियों में खनन की अनुमति नहीं है, लेकिन कोटद्वार में सरकार के बनाए नियमों के कोई मायने नहीं हैं। यहां भारी बारिश के बीच भी नदियों में खनन जारी है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां खनन माफिया का सरकार से कितना गहरा गठजोड़ है। उत्तराखंड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने आरोप लगाया कि कोटद्वार में भाजपा सरकार खनन करा रही है।

उन्होंने कहा कि एक अधिकारी ने बताया कि मालन नदी पूरी की पूरी वन विभाग के अंतर्गत आती है और उस पर भी बरसात के महीने में जमकर खनन हो रहा है। यह पूछने की जरूरत है। साथ ही अधिकारियों ने यह बताया है कि दबाव के कारण ना तो धर्म कांटे की व्यवस्था की जा रही है और ना ही सीसीटीवी लगाकर अवैध खनन को रोके जाने की कोई कार्रवाई करने को प्रशासन तैयार है।

जबकि पिछले साल ही उपजिलाधिकारी कोटद्वार द्वारा सीसीटीवी लगाए जाने के साथ ही धर्मकांटा लगा कर अवैध खनन पर लगाम लगाने की बात कही गई थी। पुलिस के कौड़िया चेकपोस्ट से सारे वाहन अवैध खनन का भंडारण लेकर निकलते हैं। मगर आज तक पुलिस के द्वारा कौड़िया चेकपोस्ट पर एक भी डंपर चेक नहीं किया गया है। जबकि वहां पर सारे नंबरों के कागजात चेक होने चाहिए। इंटर सेप्टर भी लोगों को परेशान करने के लिए बना है।

कोटद्वार में खनन का खेल लगातार जारी है। इसी साल भी अवैध खनन के गड्ढों में एक बालक की मौत हो गई थी, उसके बाद भी प्रशासन नहीं चेत रहा है। उससे पहले भी खनन के लिए बनाए गए गड्ढों में बच्चों की मौत के मामले सामने आ चुके थे। सिंचाई विभाग के द्वारा 6 मीटर के गड्ढे बना दिए जाने की आख्या की शिकायत की जांच भी प्रशासन ने एक ताक पर रख दी।

जबकि जांच के मुताबिक कम से कम 20 करोड़ का राजस्व एवं पर्यावरण हानि का की प्रतिपूर्ति होनी है। सिंचाई विभाग के अधिकारी भी इसे प्रशासन का दबाव मान रहे हैं। खुद जिलाधिकारी गढ़वाल द्वारा सुखरों नदी में छह मीटर के गड्ढों का निरीक्षण किये जाने के बाद भी रिवर ट्रेनिंग की अनुमति देना सन्देहास्पद है।

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posted on : July 18, 2021 1:36 pm
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