उत्तराखंड : 7 महीने की बच्ची को TB, हैरत में पड़ गए डॉक्टर, इस तरह का पहला मामला!

कोटद्वार: ट्यूबरक्लोसिस यानी टीबी रोग के बारे में आपने सुना होगा। ऐसे लोग भी देखे होंगे, जिनको यह बीमारी हुई होगी। इनकी उम्र भी ठीक-ठाक रही होगी। लेकिन, क्या कभी आपने कल्पना की है कि महज 7  महीने की बच्ची को TB रोग हो गया है। जब से यह जानकारी सामने आई है, डॉक्टर भी हैरान हैं कि आखिर ऐसे कैसे हो सकता है।

लेकिन, यह पूरी तरह सच है। डॉक्टरों ने बच्ची को इलाज की प्रक्रिया भी शुरू कर दिया है। बच्ची की एक और जांच भी कराई जाएगी, जिससे इलाज कराने में मदद मिलेगी। यह मामला पौड़ी जिले के कोटद्वार में सामने आया है। बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बच्ची के परिजनों के अनुसार बच्ची को बीते 15 मई को टीका लगा था, तब से ही उसे बुखार आया था। कोटद्वार के आम पड़ाव निवासी कारोबारी की सात महीने की बेटी है।

लेकिन, जब बच्ची ठीक नहीं हुई तो परिजन उसे बेस अस्पताल ले आए। अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हरेंद्र कुमार ने बच्ची का इलाज किया। लेकिन, उसकी हेल्थ बिल्कुल भी नहीं सुधर रही थी। उसके बाद 21 मई को परिजन बच्ची को उत्तर प्रदेश के नजीबाबाद में एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर के पास ले गए।

डॉक्टर ने बच्ची का मंटौक्स टेस्ट किया, जिसमें TB (ट्यूबरक्लोसिस) की पुष्टि हुई। इसके बाद परिजन कोटद्वार आए और बेस अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सुशांत भारद्वाज से संपर्क किया। महज सात महीने की बच्ची को टीबी होने पर डॉक्टर भी हैरत में पड़ गए।

उसके परिवार की कोई टीबी हिस्ट्री नहीं है। बाल रोग विशेषज्ञ का मानना है कि किसी परिवार की अगर टीबी हिस्ट्री न हो, तो वहां इतने छोटे बच्चे का ट्यूबरक्लोसिस से पीड़ित होना अपनी तरह का अलग और हैरान करने वाला मामला है।
अस्पताल में बच्ची का अब सीबी नेट टेस्ट किया जाएगा।

इसकी रिपोर्ट यदि पॉजीटिव आने के बाद फिर बच्ची का TB उपचार शुरू कर दिया जाएगा। इसके तहत बच्ची का ATD  (एंटी ट्यूबरक्लोसिस ट्रीटमेंट) शुरू किया जाएगा।

मंटौक्स टेस्ट के बाद  CB नेट टेस्ट कराने में 10 दिन का अंतर होना चाहिए। इसलिए अभी इंतजार किया जा रहा है। अगर सीबी नेट टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आती है तो कुछ समय बाद एक बार फिर मंटौक्स टेस्ट किया जाएगा। उसके बाद ही तय होगा कि बच्ची का इलाज कैसे कराया जाना है।

शेयर करें !
posted on : May 28, 2024 9:41 am