हल्द्वानी: एक्टू ने ’प्रवासी मजदूरों के साथ एकजुटता में अखिल भारतीय विरोध’ 18 और 19 अप्रैल शुरू कर दिया है। इस देशव्यापी विरोध का उत्तराखंड एक्टू ने भी इसका पालन किया है। लॉकडाउन के दौरान एक्टू कार्यकर्ता अपने मौजूदगी के स्थलों पर ही 48 घंटे तक कि भूख हड़ताल और धरने के आयोजन मे शामिल हो रहे हैं। एक्टू उत्तराखंड के महामंत्री कामरेड के.के. बोरा ने उत्तराखंड सरकार को ईमेल से ज्ञापन प्रेषित किया है। जिसमें 8 मांगे रखी गयी हैं।
प्रवासी श्रमिक चार्टर
1-प्रवासी श्रमिकों के लिये विशेष कार्य योजना घोषित करें।
2-प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षित घर वापसी के लिए मुफ्त विशेष परिवहन की व्यवस्था करें।
3-प्रवासी मजदूरों सहित सभी मजदूरों को 10,000 रुपये का लॉकडाउन राहत भत्ते का भूगतान करे।
4-सभी प्रवासी मजदूरों के वेतन और नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित करें। कोई वेतन कटौती और छंटनी नहीं होनी चाहिए।
5-प्रवासी मजदूरों को उनके अभी के स्थान पर राशन, भोजन की होम डिलीवरी, और स्वच्छ आश्रय की व्यवस्था करें (वापसी तक) और साथ ही अन्य असंगठित श्रमिकों के लिए भी इसी तरह की सुविधा उपलब्ध करा दी जाए।
6-ट्रेड यूनियनों और इच्छुक नागरिकों को शामिल करके हर शहरी वार्ड और पंचायतों में लॉकडाउन राहत समितियों का गठन करें।
7-प्रवासी मजदूरों के खिलाफ पुलिस दमन पर रोक लगाओ। प्रवासी मजदूरों के खिलाफ लॉकडाउन में दर्ज सभी एफआईआर वापस लो।
8-लॉकडाउन के जारी रहने दौरान 20 अप्रैल से या पूर्व से उत्पादन करने वाले कारखाने के ऐसे श्रमिक जोकि कारखानों के आवागमन की परिधि से दूर हैं और लॉकडाउन के जारी रहने की स्थितियों में दूसरे राज्य या जिले से वापसी न कर सके है या कर पाएंगे। उन्हें डयूटी से अनुपस्थित न माना जाए। इसके लिए आवश्यक निर्देश तत्काल जारी कर दिए जाएं। ऐसे श्रमिकों के वापसी के लिए अन्तरराज्य औ अंतरजिले के पास जारी किए जाएं।