उत्तराखंड: देवस्थानम बोर्ड पर बयान-दर-बयान, किसने कहा झूठ, CM या महाराज…

देहरादून: देवस्थानम बोर्ड गठन के बाद से लगातार तीर्थ पुरोहित सरकार का विरोध कर रहे हैं। पूर्व CM त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में देवस्थानम बोर्ड का फैसला लिया गया था। तीर्थ पुरोहित इसको लेकर खासे नाराज थे और हैं भी। इस बीच नेतृत्व परिवर्तन हुआ तो तीरथ सिंह रावत को राज्य की सत्ता की कमान सौंपी गई।

पूर्व CM त्रिवेंद्र के फैसले बदले
CM तीरथ सिंह रावत ने एक के बाद एक पूर्व CM त्रिवेंद्र के लिए फैसलों को बदलने का काम किया। इस बीच महाकुंभ के दौरान VHP और संतों के साथ बैठक के बाद CM तीरथ सिंह रावत ने ऐलान किया था कि मंदिरों को देवस्थानम बोर्ड से बाहर रखा जाएगा।

हम इस पर पुनर्विचार करेंगे
इसके बाद तीर्थ पुरोहितों ने CM तीरथ सिंह रावत से मुलाकात भी की। उन्होंने तीर्थ पुरोहितों को देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार करने का भरोसा दिया। हरिद्वार कुंभ के दौरान उन्होंने संतों के साथ बैठक के बाद ऐलान किया था कि देवस्थान बोर्ड से 51 मंदिरों को बाहर किया जाता है। साथ यह भी कहा कि हम इस पर पुनर्विचार करेंगे।

पुनर्विचार नहीं होने वाला
महाराज ने बयान दिया कि इस पर कोई पुनर्विचार नहीं होने वाला है। हालांकि वो फिर अपने बयान से मुकर गए, जबकि उनके वीडियो अब वायरल हो रहे हैं। उनका तीर्थ पुरोहित जमकर विरोध कर रहे हैं। महाराज के बाद अब धर्मपुर से BJP विधायक विनोद चमोली ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर बयान दिया है।

खारिज नहीं किया जा सकता
उनका कहना है कि चार धाम देवस्थानम बोर्ड को खारिज किए जाने के बजाय उसे मजबूत किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि क्योंकि यह विधानसभा से पास हुआ है और विधानसभा में सभी सदस्यों के ने राज्य हित में इसे पास कराया गया था, जिसे खारिज नहीं किया जा सकता।

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posted on : June 9, 2021 5:55 pm
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