उत्तराखंड : हरक की विधानसभा, खनन के गड्ढों में मौत-दर-मौत, आखिर कौन है जिम्मेदार ?

  • प्रदीप रावत (रवांल्टा)

कोटद्वार: कोटद्वार में खनन जोरों पर है। सब जानते हैं कि कोटद्वार कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की विधानसभा है। वहां, खनन करने वाले ना तो हरक से डरते हैं और ना अधिकारियों से उनको कोई फर्क पड़ता है। इससे दो बातें समझ आती हैं कि अधिकारी या तो हरक के डर से चुप रहते हैं या फिर उनकी मिलीभगत है। दूसरी बात यह कि सबकुछ मंत्री की मिलीभगत से ही हो रहा है।

खनन माफिया ने गहरे गड्ढे कर दिये

कोटद्वार की मालन, सुखरों और खोह नदी में खनन माफिया ने गहरे गड्ढे कर दिये हैं। ये गड्ढे मौत के कुएं में तब्दील हो चुके हैं। पिछले दो सालों में इन गड्ढों में डूबकर चार-पांच लोगों की मौतें हो चुकी हैं। पिछले कुछ दिनों में ही दो लोगों की मौत इन गड्ढों में डूबने से हो चुकी है। लेकिन, कोई सवाल करने वाला नहीं है।

फर्क नहीं पड़ता कि किसी की मौत हो रही है

किसी को इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि किसी की मौत हो रही है। जबकि यह किसी की मौत भर नहीं। यह किसी परिवार के सहारे का छिन जाना हैं किसी माता-पिता से उनका बेटा छिन जान है। किसी महिला से उसका सुहाग और बच्चों के सिर से पिता का छिन जाना है। यह बात अलग है कि नेता-माफिया-अधिकारी के गठजोड़ को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।

मंत्री और अधिकारियों की मिलीभगत

अगर किसी को इस बात ये ऐतराज है कि इसमें मंत्री और अधिकारियों की मिलीभगत नहीं है तो बरसात में भी नदियों में खनन क्यों जारी है ? क्यों रीवर ट्रेनिंग के बहाने नदियों का सीना चीरा जा रहा है? क्यों नहीं माफिया पर लगात लगाई जाती? क्यों जेसीबी और पोकलैंड मशीनों से हो रहे खनन को रोका नहीं जा रहा है? क्यों मौत के गड्ढों में हो रही मौतों के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है? क्यांें नही मंत्री और अधिकारी एक्शन लेते?

गड्ढे में डूब गया

कोटद्वार में पोपिन्स उर्फ देव पुत्र श्रद्धानन्द निवासी आदर्श कॉलोनी बदली, बिजनौर उम्र 20 वर्ष हाल निवासी निकट बाल भारती स्कूल, उमरावनगर कोटद्वार जो टाईल पत्थर बिछाने का काम करता है। 25 जुलाई को काम से छूटने के बाद अपने साथियों के साथ मालन नदी में नहाने चला गया पर नहाते वक्त गड्ढे में डूब गया, जिसका शव आज बरामद किया गया है।

यह कोई पहली घटना नहीं है

यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले सप्ताह भी खनन के लिए खोदे गए गहरे गड्ढे में डूबकर एक मजदूर की मौत हो चुकी है। उससे पहले खोह नदी में स्टेडियम के पास बनेग गहरे गड्ढों में खनन के लिए खोदे गए गड्ढों में डूबकर दो बच्चों की मौत हो गई थी। आलम यह है कि आवाज उठाने वालों को चुप कराने के लिए उन पर जानलेवा हमले तक किए गए। उत्तराखंड विकास पार्टी के अध्यक्ष समाजसेवी और एक्टिविस्ट मुजीब नैथानी पर हमला किया गया और अधिकारियों की मिलीभगत से उन्हीं पर मुकदमा भी दर्ज कर दिया गया।

खनन मफिया का मुख्य धंधा बनता जा रहा है

उनका कहना है कि दरअसल, कोटद्वार में जमीनों के बाद खनन मफिया का मुख्य धंधा बनता जा रहा है। जमीन के धंधों में हमारे द्वारा फैलाई जा रही जागरूकता से माफिया को पुलिस का सहयोग मिलने के बावजूद जमीनों पर अब लोग कब्जे नहीं होने दे रहे हैं।
इसलिए नेता खनन के धंधों में आ गए हैं।

महेंद्र बिष्ट हरक सिंह के खास हैं और शैलेन्द्र बिष्ट त्रिवेंद्र रावत के खास

उन्होंन कहा कि उन पर हमला करने वाले महेंद्र बिष्ट हरक सिंह के खास हैं और शैलेन्द्र बिष्ट त्रिवेंद्र रावत के खास हैं। इससे एक बात तो साफ है कि हमले के मामले में कोटद्वार सीओ यह कहें कि हम तो राजपूत हैं, जिसका राज, उसके पूत हैं, तो सोच सकते हैं कि स्थिति कितनी खराब है। यह कारण है कि पुलिस भी साइलेंट मोड़ में हैं।

यहां देखें कोर्ट का आदेश…display_pdf (9) (1)

चुनाव में खर्च किया गया पैसा भी वसूलना है

आखिर मंत्री को पिछले चुनाव में खर्च किया गया पैसा भी वसूलना है और अगले की तैयारी भी करनी है। साथ ही कुछ और लोगों को भी चुप कराना है। चुप कराने के लिए पांच-पांच हजार के लिफाफों में वजन डालना कोई साधारण बात तो है नहीं। इधर लोग बेमौत मर रहे हैं, सब मंत्री की स्तुतिगान कर रहे हैं।

हाईकोर्ट ने मामले में गंभीर टिप्पणियां भी की

मुजीब नैथानी गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण ली थी। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मामले में गंभीर टिप्पणियां भी की थी। जज ने लिखा है इट इज  केस ऑफ इलीगल माइनिंग डन बाय रेस्पॉन्डेंट्स। इसमें महेंद्र बिष्ट और शैलेंद्र बिष्ट के नाम शामिल किए हैं।

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posted on : July 26, 2021 3:57 pm
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