बंशी…नाम मन में आते ही मुस्कान के देवता…द रीयल कर्मयोगी श्री ठाकुर जी के अधरों से बजने वाली बंशी सुर कानों में मिठास घोलने लगते हैं…। एक बंशी उत्तराखंड में भी खूब बज रही है…। बंशी ऐसी बजी कि अब उसकी धुन में मोदी जी भी उड़ने लगे…। वैसे बंशी की धुन से सच्चाई ही तो निकली है…ऐसा मैं नहीं ‘आप’ कह रहे हैं…आप…समझ ही गए होंगे बल…। 2022 में वोटों के लिए महायुद्ध लड़ा जाएगा…। पहले सेनाएं दो ही थीं…अब तीन हैं। ये महासंग्राम तीन खेमों में बंटने की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है…।
बंशी ने ऐसी तान छेड़ी कि वो बेचारे भगत जी के लिए ही भसमासुर बन पड़ी…। अब वो अपनी छेड़ी तान से बचते और भागते फिर रहे हैं…। लहर नहीं चलेगी बल…। मोदी जी की लहर…। डूबते को मोदी जी की लहर तिनके का सहारा थी…भगत जी ने सब गड़बड़ कर दी…। वैसे आप लोगों ने रामलीला तो देखी ही होगी…। भगत जी उसके ‘दशरथ’ हुए…। अपनी वाली रानी नहीं…भई पार्टी तो नाराज हो ही गई…। एक आप आ गए…और एक पहले से ही चांटा मारने को तैयार बैठी है…। भगत जी परेशान…इनसे बचे तो श्री नारद जी के वंशज पीछे पड़ गए…।
अब भगत जी कह रहे हैं कि उनकी जुबान पर माता बैठ गई थी बल…वही माता जो गड़बड़ कराती है…। भगत जी को ये तो पता था कि उनको ढोल…पीटना है…। मोदी लहर का ढोल…लेकिन, उन्होंने उम्र के इस पड़ाव पर लंबी सांस फूंककर रणसिंघा ही बजा दिया…। अब ओ ये सोच कर परेशान हैं कि उन्होंने तो रणसिंघा ही बजाया था…इससे उनका बाजा कैसे बज गया…। इधर…चैंपियन ने अलग से नाक में दम किया हुआ है…। वो है कि मानता ही नहीं…। अब भुगतना तो पड़ेगा ही…पहाड़ियों को गाली देने वाले से मुहब्बत…भगत पर भारी पड़ रही है…। भगत जी सोच रहे होंगे कि उनको तो मोदी नाम का ढोल पीटना था…ये रणसिंघा कैसे बज उठा…। तेरा मोदी जी करेंगे बेड़ापार….।
ये वाला नया है…क्या भगत पर मुकदमा दर्ज होगा…?
भगत ने सैकड़ों लोगों को कोरोना के संकट में डाल दिया है…। उनके गृह प्रवेश में कई लोगों के भीतर कोरोना तो प्रवेश कर ही गया होगा! चैंपियन भी अब संभवतः कोरोना के डर से घर में कैद हो गए होंगे…। भगत के गृह प्रवेश में करीब तीन सौ लोग शामिल थे…। गुलदस्ता देने वाले और मिठाई देने वालों का तांता लगा रहा…। अब ये तांता कोरोना टेस्ट के लिए लग रहा है…। पता नहीं कौन-कौन चपेटे में आएंगे…? असल बात तो ये है कि भगत पर भी मुकदमा होगा या…पुलिस सरकार भक्ति में भगत के इस कारनामें को माफ कर देगी…? वैसे आप भी जानते ही हैं कि होना क्या है…?
- प्रदीप रावत (रवांल्टा)