देहरादून : विवादों में रहे विधायक देशराज कर्णवाल एक बार फिर चर्चाओं में हैं। उन्होंने अपना नाम बदल लिया है। उन्होंने कहा कि जातिगत भेदभाव को खत्म करने और सामाजिक समरसता को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है। देशराज कर्णवाल ने अपने नाम के आगे ‘चमार साबह’ लिखवा दिया है। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए बहुत मायने रखता है। उनके इस फैसले पर सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या विधायक महज राजनितिक स्टंट कर रहे हैं। वोटबैंक को सेफ रखने के लिए इस तरह का फैसला लिया गया हो सकता है।
विधायक देशराज ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष से निवेदन किया था कि जिस प्रकार अन्य विधायक अपने उपनाम ठाकुर, शर्मा, अग्रवाल, रावत और नेगी अपने नाम के साथ लगाते हैं। ठीक उसी प्रकार मेरे नाम के साथ भी मेरी जाति उपनाम लगाने की इजाजत दें ‘देशराज कर्णवाल चमार साहब’ जिस पहचान से मेरे क्षेत्र की जनता मुझे पहचानती हैं, अन्यथा सभी विधायकों के उपनाम को हटाया जाये। कहा कि यह संकल्प विधानसभा में लाया गया। लेकिन, न्याय विभाग ने सर्वोच्च न्यायालय का हवाला देते हुए मेरी मांग को अस्वीकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि न्याय विभाग के फैसले से मेरा सामाजिक समरसता और समानता को स्थापित करने का हौसला कम नहीं हुआ। प्रयास जारी रखे और अब सफल हुआ। विधायक ने कहा था कि पहले मेरा नाम संवैधानिक संस्थाओं में देशराज कर्णवाल था। आज से मेरा संशोधित नाम भारत के राजपत्र के अनुसार विधानसभा उत्तराखंड के द्वारा देशराज कर्णवाल ‘चमार साहब’ हो गया है। जल्द उनका विधिवत नामकरण होगा।