UTTARAKHAND : ‘AAP’ के जाल में फंसी ‘BJP’, मदन कौशिक की कुर्सी खाली…

आम आदमी पार्टी राज्य में विधानसभा चुनाव में तीसरा विकल्प बन पाएगी या नहीं? यह कह पाना फिलहाल मुश्किल भी है और जल्दबाजी भी। लेकिन, भाजपा ने आप को अपना विरोधी दल मान लिया है। भाजपा नेताओं के बयानों से साफ पता चल पा रहा है। कांग्रेस का फिलहाल कुछ पता नहीं है। कांग्रेस के पास युवा चेहरों की कमी नजर आ रही है।

हरदा और इंदिरा ही मोर्चो संभाले नजर आ रहे हैं। जिनका उम्र के लिए लिहाज से रिटायरमेंट का टाइम है। हां…ये बात अलग है कि वो खुद को अब भी जवां समझते हैं।मुद्दे की बात ये है कि आम आदमी पार्टी नेता दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने उत्तराखंड के अपने पहले ही दौरे के दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को जीरो वर्क सीएम कह दिया था।

वो यहीं नहीं रुके, उन्होंने गुगली फेंकी और सरकार से पांच काम गिनाने के लिए भी कहा था। सायद मनीष सिसोदिया को लगा होगा कि उनको जवाब नहीं मिलेगा। हालांकि वो यह चाहते थे कि जवाब मिले। काफी दिनों तक जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने एक बार फिर यार्वकर लेंथ बाॅल फेंक दी।

इस बार सामने वाले बल्लेबाज मदन कौशिक निकले और उन्होंने जोर से बल्ला घुमाते हुए जवाब दिया।मनीष सिसोदिया सही चाहते भी थे। उन्होंने मदन कौशिक से टाइम मांगा। कौशिक ने कोई प्रतिक्रिया देने के बजाय केवल इतना कहा दिया कि वो दिल्ली जाकर पहले दिल्ली का माॅडल देखेंगे। लेकिन, मनीष सिसोदिया ने बाउंसर मार दिया और सीधे 4 जनवरी की डेट बहस के लिए तय कर दी।जगह भी देहरादून चुनी।

उन्होंने मंच सजाया। मचं पर मदन कौशिक के लिए कुर्सी खाली रखी गई। उनके नेत प्लेट तक रखी गई। भाजपा चाहती तो थी कि वो आप के जाल में ना फंसे, लेकिन वो देर कर चुके थे। जांल में पहले ही फंसे चुके थे। सिसोदिया यूपी के तर्ज पर स्कूल देखने पहुंचे। लेकिन, यहां उनको किसी ने रोका नहीं। वो सीएम की विधानसभा डोईवाला के स्कूल देखने पहुंचे।

स्कूल की हालत बेहद खस्ता है। लेकिन, भाजपा ने काउंटर अटैक करते हुए मनीष सिसोदिया को होमवर्क करने की सलाह तक दे डाली। इसके लिए भी जीवनवाला के ग्राम प्रधान के पति गुरजीत सिंह को आगे कर दिया और एक लेटर दिखाया गया, जिसमें स्कूल की मरम्मत के लिए 4 लाख रुपये स्वीकृत किए जाने की बात कही गई है।

लेटर में भले ही अधिकारी के साइन के नीचे 3 दिसंबर की तारीखी लिखी हो, लेकिन लेटर के दिनांक वाली जगह पर कोई तारीख नहीं लिखी गई है। बहरहाल जो भी हो। कुलमिलाकर यह है कि जहां भाजपा के प्रवक्ता या मीडिया सेल को आगे आकर जवाब देना चाहिए था। वहां भाजपा ने प्रधान पति को आगे कर दिया। आम आदमी पार्टी पूरे ड्रामे के जरिए खुद को लोगों की नजर में और पुख्ता ढंग से पेश करना चाहती थी।

वह यह बताना चाहती थी कि त्रिवेंद्र सरकार के मंत्री और नेता बहस करने से डरते हैं। सरकार ने कोई काम नहीं किया है। यही कारण है कि उनके मंत्री बहस करने नहीं पहुंचे। मनीष सिसोदिया ने एक बार सीएम त्रिवेंद्र को नो वर्क सीएम बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की सरकार सरकारी स्कूलों को बंद कर प्राइवेट स्कूल खुलवा रही है।

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posted on : January 4, 2021 10:52 am
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