मोदी कैबिनेट विस्तार : उतराखंड से इन तीन नामों पर चर्चा, किसको मिलेगा मौका?

नई दिल्ली: मोदी कैबिनेट का विस्तार प्रस्तावित है। चर्चाएं भी चल रही हैं. अगले साल 2022 में 6 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले इन राज्यों को मोदी कैबिनेट में प्रतिनिधित्व मिल सकता है इसको लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. माना जा रहा है कि उत्तराखंड से भी किसी एक और सांसद को मंत्री बनाया जा सकता है. हालांकि चर्चा पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के नाम की भी चल रही हैं. यह माना जा रहा है कि उनको पौड़ी लोकसभा सीट से तीरथ सिंह रावत के त्यागपत्र देने के बाद उप चुनाव में उतारा जा सकता है. इन बातों में कितनी सच्चाई है, इसका पता मंत्रीमंडल विस्तार के बाद ही चल पाएगा.

2022 विधानसभा चुनाव पर फोकस

केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई हैं. माना जा रहा है जिन राज्यों में अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं, उन राज्यों में सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल में तरजीह दी जाएगी. इसके अलावा क्षेत्रीय दलों के नेताओं को मंत्रिपरिषद में शामिल कर एनडीए के कुनबे को और मजबूत करने और बढ़ाने पर भी फोकस रहेगा.

मंत्रीमंडल विस्तार पर बैठकें

हाल के दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सरकार और संगठन के बीच कई दिनों तक लंबी बैठकें हुई. जिसमें मौजूदा मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की गई. जबकि नए चेहरों के चयन पर भी विचार किया गया. सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल में दो बातों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है.

NDA का कुनबा

पहला 2022 में उत्तर प्रदेश समेत 6 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. दूसरा NDA के कुनबे को बढ़ाने और एकजुट रखने पर जोर रहेगा. माना जा रहा है उत्तर प्रदेश से 3, उत्तराखंड से 1, गुजरात से 1, गोवा से 1, हिमाचल प्रदेश से 1 और पंजाब से 1 नए चेहरे को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है.

इनको मिल सकता है मौका

यूपी के पूर्वांचल से एक ब्राह्मण चेहरे को मौका मिल सकता है, क्योंकि मोदी सरकार-1 में कलराज मिश्र और शिवप्रताप शुक्ल मंत्री रह चुके हैं. लेकिन उनके बाद से मोदी सरकार 2 में गोरखपुर बेल्ट से किसी को मौका नहीं मिला. जबकि शिवप्रताप शुक्ल समेत हरीश द्विवेदी, रमापतिराम त्रिपाठी, सीमा द्विवेदी, विजय दुबे, रविकिशन शुक्ल, हरिद्वार दुबे जैसे ब्राह्मण सांसद पूर्वांचल से आते हैं.

यूपी का समीकरण

यूपी चुनाव में इस बार ब्राह्मणों को साधने की चुनौती भी बीजेपी के सामने है. जबकि बीजेपी एक ओबीसी और एक दलित चेहरे को भी तरजीह देना चाहती है. ऐसे में पार्टी ओबीसी चेहरे के रूप में बांदा से सांसद आरके सिंह पटेल, एसपी बघेल, रेखा वर्मा में से किसी एक पर दांव लगा सकती है. जबकि दलित चेहरे के लिए पूर्व आईपीएस और दलित नेता बृजलाल, विनोद सोनकर या बीपी सरोज में से किसी एक की लॉटरी लग सकती है.

यूपी के क्षेत्रीय दल

यूपी के दो क्षेत्रीय दल अपना दल और निषाद पार्टी के एक-एक नेता को भी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है. ऐसा हुआ तो अनुप्रिया पटेल और प्रवीण निषाद को मंत्रिमंडल में शामिल किया जायेगा. इससे न केवल ओबीसी वोटरों में पकड़ मजबूत होगी बल्कि एनडीए का कुनबा बढ़ेगा.

बलूनी, टम्टा या फिर त्रिवेंद्र

इसी तरह उत्तराखंड से अनिल बलूनी , अजय टम्टा में से किसी एक को शामिल किया जा सकता है वही राजनैतिक गलियारे में त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम भी उठ रहा है . इसी तरह पंजाब से दलित नेता केंद्र सरकार में राज्यमंत्री सोमनाथ को प्रमोशन मिल सकता है. एमपी से ज्योतिरादित्य सिंधिया, छत्तीसगढ़ से रमन सिंह या सरोज पाण्डेय में से एक को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है.

पश्चिम बंगाल, हिमाचल

पश्चिम बंगाल से निशीथ प्रामाणिक या दिलीप घोष. हिमाचल प्रदेश से मंत्रिमंडल में शामिल अनुराग ठाकुर को प्रमोट कर स्वतंत्र प्रभार दिया जा सकता है. असम से पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है.

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posted on : June 23, 2021 5:11 pm
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