आंख, कनेल, नाक अर गिच्चु एखर्या, एखर्या ना छुयांण

…प्रदीप रावत (रवांल्टा)
कोरोना महामारी आचकाल सैयदा दुनिया माथ फैलीं। बड़-बड़ देश टाडंकां पड़ीं। आमर देश मां भी बेजां लगिगी फैलन। सरकार सैयदा देश मां लोकु चेताण लगीं कि का करियूं चायां अर का ना चायां करियूं। यूं बातु क बार मां बताणली टिब्या फुंडू त प्रचार होंणई लगियूं। जागु-जागु पोस्टर, बैनर बी लगाण लगीं। अलग-अलग भाषा मां प्रचार करन लगीं। जु बेमारी सैयदा दुनिया मां फैलीं त्यां से बचाणी ली आमर रवांल्टी भाषा मां भी लोकु जागरूक करनी ली पोस्टर छापिणू, जु आमुली बोता बड़ी बात। यू सारू काम करी आमर रवांई अर देश का प्रसिद्ध साहित्यकार महावीर रवांल्टा न। जु सालों बाटी रवांल्टी भाषा आगु बडाण क यज्ञ मां दिन-रात आहुति दिंण लगीं। एतरा त्यूंकैई कारण रवांल्टी एतर बड़ महामारी से बचाव क अभियान मां शामिल होई सकी।

एई सी पैली त्यूंकैई जगरम किनी रवांल्टी भाषा की मान्यता मिली। पूर देश क भाषाओं मां रवांल्टी कु नऊं जोड़िणु। रवांल्टी मां त्यूंकी किताब त आई-आई पर देश क भाषा क्षेत्र क सबसे बड़ संस्थान मां भी रवांल्टी भाषा मां शोध काम होई। जेख बि मौका मिली महावीर रवांल्टा न हमेशा आपड़ी रवांल्टी भाषा आगु बडाण कु पूरू प्रयास करी। 90 क दशक मां त्यूंकी रवांल्टी भाषा मां लेखीं कविता अखबारू मां लगीगी ति छपण। त्यूंकैई कारण रवांल्टी भाषा कु आकाशवाणी अर दूरदर्शन पर रवांल्टी प्रसारण शुरू होई। एतरा रवांल्टी की जु पच्छायाण सी महावीर रवांल्ट का प्रयासु किनी। आमु सबु बि त्यूंकैई मेसी चायां आपड़ भाषा आगु बडाण कु प्रयास करियूं।

फेसबुक से सभार
कोरोना को हराने के अभियान में भाषा भी बनेगी हथियार। पहली बार रवांई क्षेत्र में बोली जाने वाली रवांल्टी भाषा के माध्यम से क्षेत्रवासियों में जागरूकता लाने के लिए जरूरी जानकारी देने का प्रयास किया गया। किसी बड़ी मुहिम में भाषा का यह योगदान जरूर ही अपना असर करेगा। इसे बोलने वाले लोगों के लिए यह प्रयास किसी यादगार घटना से कम नहीं होगा, जब हमारी भाषा किसी बड़े अभियान का हिस्सा बन रही है। सोसायटी फॉर एंडेंजर्ड एंड लेसर नोन लैंग्वेजेज (सेल) लखनऊ ने इस कार्य का बीड़ा उठाया। रवांल्टी के साथ ही कुमाउंनी, गढ़वाली, जौनसारी, जाड़, बंगाणी, बावरी, रं, राजी भाषाओं के लिए डॉ. चंद्रकला रावत, रमाकांत बेंजवाल,सुरेंद्र आर्यन, डॉ. सुरेश ममगांई, शांति नबियाल ने अनुवाद किया। मुझे रवांल्टी में अनुवाद करने का सौभाग्य मिला। सेल की प्रमुख डॉ. कविता रस्तोगी एवं उनकी टीम का हार्दिक आभार।
…महावीर रवांल्टा, साहित्यकार

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posted on : April 10, 2020 3:36 am
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