उत्तराखंड: मलबे में अपनों को तलाशती आंखें, इस उम्मीद से कि उनका अपना जिंदा मिल जाए

चमोली: चमोली आपदा की देश और दुनियाभर में चर्चा है। इस आपदा में 197 लोग लापता बताए जा रहे हैं। वो केवल लोग नहीं। किसी के बेटे, किसी के भाई, किसी के पति। रिश्तों के इस ताने-बाने में और भी कई रिश्ते हैं। ये आपदा कई परिवारों का साहारा छीन ले गई। अपनों की तलाश में उत्तराखंड समेत देशभर के अलग-अलग जगहों से लोग यहां आए हैं।

उनकी आंखों में आंसू हैं
उनकी आंखों में आंसू हैं। उनकी आंखें मलबे के ढेर में अपनों को तलाश रही हैं। इस उम्मीद के साथ कि शायद उनका अपना जिंदा लौट आए। जिंदा ना सही, लाश ही मिल जाए। बहरहाल लोग भूखे-प्यासे यहां-वहां भटक रहे हैं। अपनों को तलाश रहे हैं। ना पानी के लिए प्यास है ना खाने का मन। उनका मन केवल और केवल अपनों पर अटका है, जो आपदा की भयंतकर बवंडर में कहीं गुम हो गए।

लोग बदहवास हालत में वहीं दौड़ रहे हैं
ऋषि गंगा परियोजना के आसपास जहां भी मलबे में शव मिलने की सूचना मिल रही है। लोग बदहवास हालत में वहीं दौड़ रहे हैं। जिन लोगों के परिजन सुरंग में फंसे हैं। ओ तपोवन बाजार के आसपास टीलों पर बैठक कर अपनों का इंतजार कर रहे हैं। सेना के रेस्क्यू अभियान को देख रहे हैं। इस उम्मीद में कि सेना टनल को जल्द खोले और उनके अपने उनको जिंदा मिल जाएं। उम्मीद है कि उनमें से कुछ चिंदा हों।

सहारनपुर के नक्कुड़ से रैणी गांव पहुंचे
सहारनपुर के नक्कुड़ से रैणी गांव पहुंचे जाकिर, गुलजार औैर नसीम ने बताया कि उनके भाई रिजवान, माजिद औैर अब्दुल ऋषि गंगा परियोजना में कार्यरत थे। जल प्रलय के बाद से उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। वे दिनभर रैणी क्षेत्र में हाथ में अपने भाइयों की फोटो और नाम लिखे पर्चे को लेकर लोगों से पूछ रहे हैं।

पोखरी ब्लॉक के मसौली गांव निवासी शिशुपाल
पोखरी ब्लॉक के मसौली गांव निवासी शिशुपाल भी अपने भाई सत्यपाल की तलाश में तीन दिनों से तपोवन में भटक रहा है, जिस टनल में टनों मलबा घुसा है सत्यपाल वहां बिजली फिटिंग का कार्य कर रहा था। शिशुपाल ने बताया कि सुरंग में फंसे 35 लोगों में सत्यपाल भी है। चमोली जिले के गाड़ी गांव निवासी सुरेंद्र गड़िया ने बताया कि अपनों की तलाश में परिजन भूखे-प्यासे तपोवन और रैणी में भटक रहे हैं। धौलीगंगा और तपोवन परियोजना क्षेत्र में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में लोग अपनों के मिलने की उम्मीद में बैठे हैं।

जोशीमठ क्षेत्र के किमाणा गांव के धर्म सिंह
जोशीमठ क्षेत्र के किमाणा गांव के धर्म सिंह सड़क किनारे एक पत्थर पर बैठे नदी को निहारते रहे। उन्होंने कहा कि उनका भतीजा इस आपदा में लापता हो गया है। उसी की तलाश में यहां पहुंचे हैं। चमोली जिले के ढाक गांव से आए रविंद्र थपलियाल का भाई राजेंद्र थपलियाल और चचेरा भाई अनूप थपलियाल भी लापता है। इस तरह उत्तर प्रदेश, बिहार और देश के दूसरे राज्यों के लोग अपनों की तलाश में यहां पहुंच रहे हैं।

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posted on : February 10, 2021 8:02 am
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