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अब गांव वालों को भी देना होगा टैक्स।
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शहर की तरह ही गांवों में भी मकान पर टैक्स लगाए जाने की तैयारी।
Dehradu/Haridwar : ये खबर आपके लिए है। अब तक शहरों में ही हॉउस टैक्स और दूसरे टैक्स देना पड़ते हैं, लेकिन अब गांवों में भी लोगों को हाउस टैक्स देना पद सकता है. इसकी तैयारियों जोरों पर हैं। शहर की तरह ही अब गांवों में भी मकान पर टैक्स लगाए जाने की तैयारी है। टैक्स लगाने के लिए सरकार की तयारी यह है की पहले आपको आपके अपने ही मकान का स्वामित्व देगी और टैक्स की वसूली जायेगी।
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स्वामित्व रिकॉर्ड तैयार
प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की आबादी का सर्वेक्षण करने के बाद स्वामित्व रिकॉर्ड तैयार करने के लिए सर्वे का काम शुरू हो चूका है। गांवों मकान का मालिक होने का प्रमाणपत्र के रूप में स्वामित्व रिकॉर्ड दिया जाएगा। हरिद्वार में जिले तो सर्वे का काम भी शुरू हो। यूएस ननगर में तो कुछ लोगों को स्वामित्व प्रमाण पात्र भी दिए जा चुके हैं। योजना के पटवारी की मदद से विवादित भूमि को हटाकर मैप बनाया जाएगा। मालिकाना हक 25 सितंबर-2018 से पूर्व बसे हुए लोगों को मिलेगा।
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ये कर रहे सर्वे
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत गांवों की आबादी क्षेत्र का सर्वेक्षण शुरू हो गया है। पंचायती विभाग के तहत चल रहे सर्वेक्षण के नोडल अधिकारी एडीएम वित्त केके मिश्रा को बनाया गया है। जबकि सभी तहसीलों के एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार बतौर सहायक के तौर पर काम रहे हैं। सर्वे कराने में लेखपालों की मदद ली जा रही है।
सर्वे का काम शुरू हो गया
नोडल अधिकारी केके मिश्रा ने बताया कि आबादी क्षेत्रों में सर्वे का काम शुरू हो गया है। सर्वे के बाद मैपिंग करने का काम शुरू होगा, लेकिन इससे पहले लेखपाल से सरकारी भूमि और विवादित प्रकरणों की जानकारी ली जाएगी, साथ ही ग्रामीणों की आपत्ति भी जाएगी। आपत्तियों के निस्तारण के बाद संबंधित व्यक्ति को मालिकाना हक दिया जाएगा। केके मिश्रा ने बताया कि पूरी प्रक्रिया के तहत ग्रामीणों को उनकी संपत्ति के कब्जे के रिकॉर्ड और स्वामित्व प्रमाणपत्र मिलेंगे।
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कर संग्रह संभव हो
नोडल अधिकारी केके मिश्रा ने बताया कि ग्रामीण अपनी संपत्ति का वित्तीय उपयोग जैसे कि कर्ज लेने में सक्षम होंगे और गांवों के आवासीय क्षेत्र का रिकॉर्ड पंचायतों को प्रदान कर सकेंगे। इससे संपत्तियों का कर के दायरे में आना और पंचायतों का आसानी से कर संग्रह संभव हो पाएगा। इस आमदनी से पंचायतें ग्रामीण नागरिकों को बेहतर सुविधा दे पाएगी।
स्वामित्व योजना को जानें
गांव के ज्यादातर लोगों के पास अपनी जमीन का कोई रिकॉर्ड नहीं है। मालिकाना हक साबित करने के लिए लोगों के पास कोई कागजात भी नहीं हैं। योजना का मकसद ग्रामीण इलाकों की आवासीय जमीन का मालिकाना हक तय करना और उसका रिकॉर्ड बनाना है। इसके जरिए ग्रामीण इलाकों में लोगों को आवासीय जमीन की संपत्ति का अधिकार मिल सकेगा।
गूगल मैपिंग
जमीन की पैमाइश के लिए ड्रोन की मदद ली जाएगी, गूगल मैपिंग जैसी तकनीकों का भी प्रयोग किया जाएगा इस्तेमाल किया जाएगा। ग्रामीण इलाकों में आवासीय संपत्ति का रिकॉर्ड बन जाने के बाद संपत्ति के मालिकों से टैक्स लिया जा सकेगा। स्वामित्व योजना से सभी ग्राम समाज के काम ऑनलाइन हो जाएंगे। ऑनलाइन होने की वजह से लोग अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा ऑनलाइन देख सकेंगे। ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर जमीन का ब्योरा मुहैया रहेगा। ई-पोर्टल लोगों को उनकी जमीन के मालिकाना हक का सर्टिफिकेट भी देगा।